Arun Gawli
File Photo : PTI

  • हाईकोर्ट ने प्रदान किया फर्लो का अवकाश

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नागपुर. शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसांदेकर की हत्या के मामले में नागपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मुंबई के डॉन अरुण गवली की ओर से फर्लो की छुट्टियों के लिए आवेदन किया गया था. नियमों के अनुसार अर्जी पर निर्णय नहीं लिए जाने के कारण अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया.

याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश विनय जोशी ने जेल प्राधिकरण को अर्जी पर नियमों के अनुसार निर्णय लेने के आदेश दिए थे. किंतु जेल प्राधिकरण की ओर से अर्जी ठुकरा दी गई. जिससे पुन: हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. जिस पर सुनवाई के बाद अब न्यायाधीश झका हक और न्यायाधीश नरेश सूर्यवंशी ने याचिका स्वीकृत कर 28 दिन के लिए फर्लों का अवकाश प्रदान करने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. मीर नागमन अली ने पैरवी की.

गैंग लीड़र होने से अपराध की जताई संभावना
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. अली ने कहा कि 30 नवंबर 2019 को ही फर्लों पर छुट्टी देने का अनुरोध करते हुए आवेदन किया गया था. लेकिन 7 माह बीत जाने के बावजूद अर्जी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. जिससे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर अदालत ने डीआईजी जेल को याचिकाकर्ता की अर्जी पर निर्णय लेने के आदेश दिए थे.

जिसके अनुसार 26 जून 2020 को याचिकाकर्ता की अर्जी ठुकरा दी गई. ठुकराने के दिए गए कारणों का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता गैंग लीडर होने के कारण फर्लों पर छुट्टी देने के बाद अपराध होने की संभावना जेल अधिकारियों की ओर से जताई गई. लेकिन वास्तविकता यह है कि इसके पूर्व भी याचिकाकर्ता को छुट्टी प्रदान की गई. उस समय किसी तरह की आपराधिक गतिविधियां नहीं की गई. यहां तक कि शर्तों का पूरी तरह पालन भी किया गया. हमेशा ही याचिकाकर्ता का बर्ताव न्यायोचित ही रहा है.