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    नागपुर. गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस विंग (डीजीजीआई) ने एक ऐेसे कारोबारी समूह का पता लगाया है जिन्होंने एक ही जाली दस्तावेज की सहायता से 4 कंपनियां खोलीं और 53.95 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाकर सरकार को 10.79 करोड़ रुपये का चूना लगाया है.  डीजीजीआई नागपुर जोन की टीम को इन्हें पकड़ने और मामले का पर्दाफाश करने में सफलता मिली है. इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. 

    डीजीजीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की गई क्योंकि चारों कंपनियों ने एक ही जाली दस्तावेज की सहायता से 4 कंपनियों का पंजीयन कराया. लेकिन उस स्थान से कोई भी कारोबार नहीं हो रहा था. चारों ने चालाकी से जाली दस्तावेज का इस्तेमाल पंजीयन लेने के लिए किया था. इसके बाद मामले की समीक्षा की गई.

    छानबीन में पता चला कि इन चारों ने मिलकर 53.95 करोड़ रुपये का जाली बिल भी जारी किया है. इन बिलों के आधार पर संचालकों ने 10.79 करोड़ रुपये का इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) का लाभ भी उठाया है. ये कारोबारी आयरन एंड स्टील का कारोबार दिखा रहे थे. 2-3 माह से मामले की छानबीन की जा रही थी. तब जाकर 4 लोगों की पहचान की जा सकी. 2 दिन पूर्व इन्हें पकड़ा गया. सभी आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.