4 Where to get Android phone, parents upset with online education racket

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नागपुर. कोरोना महामारी लाकडाउन के चलते ट्यूशन क्लास, शालाएं, कालेज बंद हैं लेकिन पालकों से फीस वसूली बिंदास चालू है. आनलाइन शिक्षा के नाम पर शिक्षा संस्थाएं पालकों से फीस लेने का गोरखधंधा चला रही हैं. अनेक मध्यमवर्गीय व व्यवसायिक परिवारों में जहां 3-4 बच्चे हैं, उनके सामने समस्या यह आ रही है कि सभी बच्चों को एंड्रायड मोबाइल, टैब या लैपटाप दिलाने के लिए एक साथ पैसे कहां से लाएं. कुछ शालाओं द्वारा तो आनलाइन स्टडी का दबाव बनाने की शिकायतें मिल रही है जबकि सरकार ने इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने इस गोरखधंधे को बंद करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आनलाइन शिक्षा के अनेक दुष्परिणाम विशेषकर छोटे बच्चों पर होने की आशंका है. कोराना काल में पालकवर्ग व्यापार, उद्योग, नौकरी से वंचित हैं साथ ही अपने बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं. वे बच्चों के हाथों में अभी से मोबाइल नहीं थमाना चाहते लेकिन शिक्षा संस्थाओं के दबाव के चलते उन्हें मानसिक व आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मोबाइल के साथ ही इंटरनेट, वाईफाई का खर्च अलग से सहन करना होगा.

कांग्रेस-राकां नेताओं की संस्थाएं : खोपड़े
खोपड़े ने कहा कि सिटी में चारों दिशाओं में अधिकतर शालाएं, कालेज, कोचिंग क्लासेस कांग्रेस-राकां के पूर्व मंत्री, विधायक, सांसदों व नेताओं के हैं. इन जनप्रतिनिधियों का पहला कर्तव्य कोरोना के संकटकाल में पालकों की मदद करना है लेकिन वे अपना आपदा के समय में भी अपना धंधा चमकाने के लिए पालकवर्ग को लूटने की हरकतें करने से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी शिक्षा सम्राटों के दबाव में महाविकास आघाड़ी सरकार अपनी आंखें मुंदे चुपचाप बैठी है. ऑनलाइन शिक्षा का फंडा केवल फीस वसूली के लिए है. अगर यह गोरखधंधा बंद नहीं किया गया तो सड़क पर उतर कर विरोध करने की चेतावनी उन्होंने दी.