Indian students contributed USD 7.6 billion to US economy last year
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  • विभाग में प्रथम वर्ष की 17,136 सीटें उपलब्ध
  • 44 कॉलेज विभाग में
  • 4,327 प्राध्यापक कार्यरत

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नागपुर. इंजीनियरिंग जैसी व्यावसायिक शिक्षा के लिए विदर्भ के छात्र बड़ी संख्या में मुंबई, पुणे जैसे शहरों को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन अब नागपुर विभाग में भी बेहतरीन संस्थाएं उपलब्ध हो गई हैू, जहां शिक्षा हासिल करने के बाद छात्रों को अच्छे पैकेज पर जॉब मिल रही है. वर्तमान में विभाग के 44 फीसदी छात्रों को हर वर्ष 44 लाख से लेकर डेढ़ लाख तक वार्षिक पैकेज मिल रहा है. केवल देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी छात्र रोजगार पा रहे हैं. यह जानकारी तकनीकी शिक्षा के विभागीय सहसंचालक प्रा. राम निबुदे ने दी.

विभाग में नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गड़चिरोली व वर्धा जिले का समावेश है. इन जिलों में कुल 44 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं. इनमें 17, 136 सीटों पर प्रवेश दिया जाता है. शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में 9,286 छात्रों ने प्रवेश लिया था. इन 44 कॉलेजों में 4,326 प्राध्यापक कार्यरत हैं. वहीं 813 प्राध्यापक पीएचडी धारक हैं.

अनुभवी प्राध्यापकों की वजह से हर वर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों के परिणाम में भी वृद्धि हो रही है. यह विभाग में इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए योग्य है. कुल कॉलेजों में से 23 ने नैक का मू्ल्यांकन किया है. अंतिम वर्ष में इंजीनियरिंग शिक्षा में उत्तीर्ण होने वालों का प्रतिशत 83 फीसदी है. निबुदे ने बताया कि केवल उत्तीर्ण होने वालों का प्रमाण ही ज्यादा नहीं है, बल्कि 113 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्जे की संस्थाओं में छात्रों का चयन भी हुआ है. पिछले वर्ष अंतिम वर्ष के 13,199 छात्रों में से 5,786 यानी 43 फीसदी छात्रों का चयन विविध संस्थाओं में उच्च पदों पर हुआ है. इनमें शासकीय अभियांत्रिकी सहित कुछ अन्य संस्थाएं भी शामिल हैं. जहां छात्रों को 44 लाख रुपये तक का पैकेज मिल रहा है. 

वर्तमान में इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए अच्छे दिन हैं. विदर्भ में बेहतरीन संस्थाएं उपलब्ध होने से छात्रों को रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. छात्रों ने इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए. 

-प्रा. राम निबुदे विभागीय सहसंचालक तकनीकी शिक्षा.