Power Crisis
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  • ग्राहक पंचायत महाराष्ट्र की ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत से मांग

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नागपुर. कोरोना संक्रमण काल में जारी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोगों की आय पर बुरा असर पड़ा है. कई लोगों के यहां पिछले 2 महीनों से 1 रुपये तक की कमाई नहीं हो पाई है. ऐसे में वे भारीभरकम बिजली बिल भरने में असमर्थ हैं. इसलिए विद्युत विभाग को चाहिए कि वे उपभोक्ताओं के बिजली बिल में कम से कम 50 प्रतिशत की राहत प्रदान करें. ग्राहक पंचायत महाराष्ट्र ने ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत से यह मांग की.

पंचायत के विदर्भ अध्यक्ष श्याम पात्रीकर, संगठक डा. कल्पना उपाध्याय व सचिव लीलाधर लोहरे ने एक स्वर में कहा कि वैसे ही विद्युत वितरण कम्पनियां पिछले कई वर्षों से सामान्य से डबल बिल वसूल रही हैं. कम से कम लॉकडाउन की जैसी स्थिति में भी कम्पनियों ने अपने उपभोक्ताओं की आर्थिक परेशानी पर ध्यान देना चाहिए और अप्रैल महीने से अगले 6 महीने तक 300 यूनिट से कम विद्युत खर्च करने वाले ग्राहकों को बिल में 50 प्रतिशत की राहत प्रदान करनी चाहिए.

विलंब शुल्क को शिथिल करें
डा. उपाध्याय ने कहा कि एक ओर लोगों की आवक बंद है, दूसरी तरफ भीषण गर्मी के कारण घरों में कूलर, पंखे आदि देर तक शुरू रखना मजबूरी है. लॉकडाउन के कारण लोगों को पूरा समय घर पर बिताना पड़ रहा है. इससे विद्युत उपभोग भी बढ़ गया है. लेकिन आय न होने से कई सामान्य ग्राहक एक ही बार में अधिक विद्युत बिल भरने में समर्थ नहीं हैं. इसलिए ऊर्जा मंत्री राऊत से हमारी मांग है कि वे नागरिकों को बिल भरने में विलंब शुल्क से भी राहत प्रदान करें और उनका बिजली कनेक्शन न काटा जाये. पंचायत के जिला अध्यक्ष प्रशांत चौधरी, जिला संगठक रेखा भोंगाडे, सचिव दिलीप चौधरी, सहसचिव प्रशांत लांजेवार, अर्चना पांडे, पल्लवी खापरीकर, योगिता गुरव, अश्विनी मेश्राम, रंजिता चापके, वर्षा तिवस्तर, उज्वला सहारे आदि ने भी एक स्वर में यह मांग की.