Nagpur ZP

  • सदस्य राजेंद्र हरडे ने लगाया आरोप
  • 9 हजार की सामग्री 40 हजार में खरीदी

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नागपुर. जिला परिषद के शिक्ष विभाग में सेस फंड से वाटर प्यूरीफायर, एलईडी टीवी, कम्प्यूटर व प्रोजेक्टर खरीदी में 59 लाख रुपये का घोटाला करने का आरोप जिप सदस्य व शिक्षा समिति के सदस्य राजेन्द्र हरडे ने लगाया है. प्रेस परिषद में उन्होंने बताया कि जो वाटर प्यूरीफाइयर मार्केट में केवल 9000 रुपयों में उपलब्ध है उसे विभाग के कर्णधारों ने 40 हजार रुपयों में खरीदा है. उन्होंने इस घोटाले की जांच की मांग की है. हरडे ने कहा कि शिक्षा विभाग ने 31 मार्च को सेस फंड से वाटर प्यूरीफायर, एलईडी टीवी, कम्प्यूटर व प्रोजेक्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी.

कोरोना लाकडाउन के चलते निधि वापस जाने का कारण बताकर तत्काल मंजूरी दी गई थी. उके तुरंत बाद एक ही दिन में सारी प्रक्रिया पूरी कर एमएस प्रभा मार्केटिंग को 75 वाटर प्यूरीफायर, 60 कम्प्यूटर और एमएस टंडन इलेक्ट्रानिक्स, एमएसएमआर अग्रवाल को 60 एलईडी टीवी और 60 प्रोजेक्टर का आर्डर एमएस यूनिक सैटीनर्स को दिया गया. 

दो महीने लटकाई जानकारी
हरडे ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस संदर्भ में विभाग से जानकारी मांगी तो उन्हें 2 महीने तक लटकाया गया. जो जानकारी दी उसमें 50 लीटर का केटीईएन कंपनी का जलशुद्धिकरण 39,900 रुपये, 32 इंच का फिलिप्स का एलईडी 49,800 रुपये का, व्यूसौनिक कंपनी का प्रोजेक्टर 44,720 रुपये और एचपी थ्री प्रो कम्प्यूटर 49,900 रुपये में खरीदने की जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि बाजार में उपरोक्त सामग्री की कीमत क्रमश: 9,310 रुपये, 15,700 रुपये, 30,500 रुपये और 38 हजार रूपये है. हरडे ने दावा किया कि उनके पास इन सामग्री के बिल भी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी खरीदी में 59,07,450 रुपयों का घोटाला किया गया है. 

सभापति व शिक्षाधिकारी की मिलीभगत
इस घोटाले में शिक्षा सभापति और  शिक्षाधिकारी का हाथ होने का आरोप हरडे ने लगाते हुए जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने सीईओ को लिखित निवेदन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही हुई आमसभा में उन्होंने यह मुद्दा जब उठाया था तो सभाध्यक्ष मनोहर कुंभारे ने उन्हें यह कहकर बिठा दिया था कि जीईएम पोर्टल पर खरीदी होने से भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी भ्रष्टाचार को खाद-पानी दे रहे हैं. अगर जांच नहीं हुई तो वे हाईकोर्ट जाएंगे. वहीं विपक्ष के नेता अनिल निधान ने कहा कि राज्यपाल से भी जांच की मांग की जाएगी. 

आरोप निराधार : सभापति
शिक्षा सभापित ने हरडे के सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जेम पोर्टल की दर से ही खरीदी को समिति ने मंजूरी दी थी. शालाओं में सामग्री को पहुंचाने, उसे लगाने, देखभाल दुरुस्ती आदि के चलते कुछ पैमाने पर दर बढ़ा है. खरीदी में किसी तरह की अनियमतितता नहीं हुई है.