- 650 MLD की जलापूर्ति
- 30% जलवाहिनी बदली गई
नागपुर. कोरोना काल पूरी तरह गर्मी के मौसम में चले जाने तथा इस दौरान संभवत: पहली बार जलापूर्ति की समस्या उत्पन्न नहीं होने के लिए अब 24 बाय 7 की महत्वाकांशी योजना को कारगर माना जा रहा है. भले ही पूरे शहर में इस योजना पर काम न हुआ हो लेकिन जलापूर्ति को सुचारू करने की दिशा में प्राथमिक स्तर पर काम किया गया. अब इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए बजट में ही 78 करोड़ रु. के खर्च को प्रस्तावित किया गया है.
जिसके माध्यम से कई कार्यों को अंजाम देने की जानकारी जलप्रदाय विभाग की ओर से दी गई है. उल्लेखनीय है कि ओसीडब्ल्यू के माध्यम से पूरे शहर में 24 बाय 7 योजना पर अमल किया जा रहा है. जिसके अधिकांश कमांड एरिया पर अंतिम चरणों में काम है. इसी तरह कई टंकियों का निर्माण भी किया गया है.
क्षति को कम करने का लक्ष्य
बताया जाता है कि वर्ष 2011-12 से 24 बाय 7 योजना शुरू की गई. योजना के अनुसार शत-प्रतिशत कार्य होने के बाद लोगों को 24 घंटा नलों के माध्यम से जलापूर्ति संभव हो सकेगी. वर्तमान में 650 एमएलडी की जलापूर्ति हो रही है. जिसमें से कुछ पानी की क्षति हो रही है. उसे कम करने का लक्ष्य रखा गया है. मनपा इसी दिशा में काम कर रही है. शहर की 30 प्रतिशत जलवाहिनियों को बदलने का प्रस्तावित था. जिसे पूरा किया गया है.
गोरेवाड़ा स्थित बीपीटी के लिए 2,000 मि.मी व्यास की 2 किलोमीटर की जलवाहिनी डालने का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा पेंच-2 जलशुद्धिकरण केंद्र की क्षमता बढ़ाने पर भी काम किया गया. सीताबर्डी फोर्ट स्थित नई जीएसआर (बड़ी टंकी) का काम, गोरेवाड़ा स्थित गोडबोले गेट दुरूस्ती का काम, 707 किलोमीटर में से 676 किलोमीटर जलवाहिनी बदलने का काम भी किया गया है.
जोड़े गए 2.46 लाख नल कनेक्शन
- शहर में 2,46,960 नल कनेक्शन देने का काम पूरा किया गया. कुल 175 फ्लो मीटर में से 162 फ्लो मीटर अब तक लगाए गए हैं.
- 19 ईएसआर, जीएसआर, एमबीआर में से 18 की दुरूस्ती की गई है. जबकि 337 में से 237 बटरफ्लाय वाल्व के काम पूरे हो चुके हैं.
- प्रकल्प पर अब तक 97.41 प्रतिशत सिविल वर्क को अंजाम दिया जा चुका है. फिलहाल कुल 68 ईएसआर कमांड एरिया में से 28 कमांड एरिया में (स्लम छोड़कर) 24 बाय 7 का काम पूरा हो चुका है.
- बचे कमांड एरिया का काम पूरा करने के लिए अब मनपा की ओर से कदम उठाए गए हैं. जिसके लिए 78 करोड़ प्रस्तावित किए गए हैं.
- सम्पूर्ण कार्य होने पर बचे कमांड एरिया से भी जलापूर्ति का समान वितरण करना संभव हो सकेगा.