AIIMS, Nagpur

  • अधिकाधिक मरीजों को मिल सकेगी सुविधा

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नागपुर. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एम्स में बेड बढ़ाने की तैयारी शुरु हो गई है. विभागीय आयुक्त द्वारा नियुक्त कंसलटंट की ओर से निरीक्षण किया गया है. धर्मशाला और आयुष की इमारत में नये बेड की संभावना पर विचार किया जा रहा है. एम्स में बेड की संख्या बढ़ने के बाद अधिकाधिक मरीजों को कोरोना उपचार मिल सकेगा.

संभावना व्यक्त की जा रही है कि नवंबर के अंत और दिसंबर के शुरूआत में कोरोना का प्रकोप एकबार फिर जोर पकड़ेगा. यही वजह है कि प्रशासकीय स्तर पर भी तैयारी शुरू कर दी गई है. पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एम्स में बेड की संख्या बढ़ाने के बारे में निर्देश दिये थे. अब इस मामले में 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई होनी है.

इससे पहले विभागीय आयुक्त द्वारा नियुक्त किये गये कंसलटंट द्वारा बेड बढ़ाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है. फिलहाल एम्स में इमारत के निर्माण का कार्य जारी है. उम्मीद है कि अप्रैल-मई तक आईपीडी इमारत का काम हो जाएगा. लेकिन बेड की संख्या इससे पहले ही बढ़ाना है. यही वजह है कि धर्मशाला और आयुष की इमारत में अस्थायी तौर पर बेड बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. फिलहाल एम्स में 80 बेड उपलब्ध है. जबकि हाईकोर्ट ने 500 बेड की व्यवस्था करने को कहा है. 

अब एक डाक्टर मेयो में ही 

मेयो में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर एम्स से तीन डाक्टरों को भेजा गया था. इनमें से मेडिसीन विभाग के प्राध्यापक डा पीपी जोशी, डा सुनीता कुंभलकर और एनेसथिसिया विभाग की डा अमृषा रायपुरे के का समावेश था. अब जबकि कोरोना के मरीजों की संख्या कम हुई है. इस वजह से डा कुंभलकर और डा रायपुरे अपनी पूवर्वत जगह यानी एम्स लौट आये हैं. लेकिन पिछले 3-4 महीनों से डा जोशी अब भी मेयो में ही है. अब जब एम्स में बेड बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है तो डाक्टर भी लगेगे. लेकिन मेयो के अधिष्ठाता द्वारा अब तक डा जोशी को रिलिव नहीं किया गया है. फिलहाल डा जोशी मेयो में मेडिसीन विभाग के प्रमुख पद पर कार्य संभाल रहे हैं. 

पोस्ट कोविड क्लिनिक शुरू

एम्स में पोस्ट कोविड क्लिनिक शुरू किया गया है. कोरोना और निमोनिया से ठीक हुये मरीजों को बुलाया जा रहा है. इसके लिए सप्ताह में तीन दिन तय किये गये है. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मरीजों को बुलाया जा रहा है. यहां मरीजों का 30 मीनट तक ब्रिदिंग एक्सरसाइज और 30 मीनट तक कौंसिलिंग की जाती है. लंग टेस्ट और फिजिशियन की सलाह से आगे का उपचार बताया जा रहा है. शुरुआत में पाजिटिव आने वाले एम्स के डाक्टर और स्टाफ पर ट्रायल किया जा रहा है.