Illegal fishing in Ambajhari pond
File Photo

    Loading

    नागपुर. भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. गर्मी की शिद्दत के साथ ही तापमान में निरंतर बढ़ोत्तरी होने लगी है. इसका सीधा प्रभाव जलस्तर पर पड़ा है. जिलेभर के अधिकांश तालाबों का जलस्तर अब कम होने लगा है. अंबाझरी तालाब का जलस्तर में भी थोड़ी कमी देखी जा रही है. तालाब के बीच के पठार अब दिखने लगे हैं. जलस्तर में कमी से इंसान ही नहीं पशु-पक्षी और मवेशियों की भी मुसीबत बढ़ गई है. बताया गया कि गर्मी के कारण जलस्तर का कम होना सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन समय पर बारिश न होने की स्थिति में यह गंभीर हो सकती है. गर्मी की धमक के साथ ही धरती की प्यास बढ़ने लगी है. पानी का लेयर कम होना इस बात के संकेत हैं कि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में अंबाझरी का जलस्तर और घट सकता है. पिछले साल की तुलना में कहीं-कहीं जलस्तर एक फुट गिरा है.

    सकारात्मक पहल जरूरी

    घट रहे जल स्रोत आने वाले समय के लिए निश्चित रूप से चिंता का विषय है. नदी, तालाब व कुंओं में पानी का स्तर कम होने का क्रम शुरू हो गया है. सूखे कुएं व जलाशयों को जीवित करने की जरूरत है. वहीं विभागीय स्तर पर इसे बचाने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा सकी है. जबकि जलस्तर को बचाए रखने के लिए सरकारी तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए. सकारात्मक पहल ही इसका हल है. 

    बारिश के पानी को रोकने चेकडेम 

    अंबाझरी तालाब में पानी को सहेजने और मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए चेकडेम निर्माण का काम भी किया गया है. ताकि बारिश में पानी को सहेजा जा सके. पुराना चेकडेम कमजोर हो चुका था उससे पहले ही नया चेकडेम तैयार किया गया है. यह काम करीब 95 प्रतिशत तक पूरा भी हो चुका है. बारिश के पानी को रोकने के लिए इस चेकडेम का निर्माण जरूरी था.