Vietnam : mobile phone of 11-year-old boy attending online class at home explodes, child dies due to fire
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    नागपुर. अप्रैल माह में हुए नियमित हजारों छात्रों के परीक्षा परिणाम या उनकी एग्जाम प्रक्रिया पर अब तक यूनिवर्सिटी से कोई फैसला नहीं हो सका है. नागपुर यूनिवर्सिटी ने सेवेन, सिक्स और थर्ड सेमेस्टर के एग्जाम लिए थे. ‘एप’ के माध्यम से हुई इस परीक्षा में हजारों छात्रों के सामने समस्याओं का अंबार खड़ा हो गया था. जिसकी शिकायत सभी छात्रों ने अपने-अपने कॉलेजों में दी थी. लेकिन आवेदन आने के बाद भी यूनिवर्सिटी ने इस ओर आज तक किसी तरह का फैसला नहीं सुनाया है. जिससे छात्रों के अंदर आज भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. आखिर उनका क्या होगा ये न तो कॉलेज बता रहे हैं और न ही यूनिवर्सिटी की ओर से अब तक किसी भी तरह का संकेत मिला है. छात्रों को अब यूनिवर्सिटी के फैसले का इंतजार है.

    खुद ही हो गए थे सब्मिट

    एप से एग्जाम देने वाले छात्रों को परीक्षा के समय कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा था. जिसमें छात्रों के बीच ऐसी भी समस्याएं आई थी जिसमें छात्रों ने समय पर आंसर तो लिख लिए थे लेकिन वह समय से पहले ही खुद सब्मिट हो गए. इसके अलावा लॉगीन, अपलोड और अन्य तरह की तकनीकी खामियों की शिकायत छात्रों ने प्राचार्यों से की थीं.

    परीक्षा से हो गए थे वंचित

    इस परीक्षा में हजारों छात्रों के सामने समस्याएं आ गई थी. जिसके कारण वे परीक्षाओं को पूरा करने में सफल नहीं हो सके थे. अब ये छात्रों को महीनेभर से ज्यादा हो गए, इनको यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर उनका परिणाम क्या रहेगा. परीक्षा दोबारा देनी होगी या कोई समाधान निकलेगा. इसके लिए लगातार छात्र कॉलेज और यूनिवर्सिटी में संपर्क कर जानकारी हासिल कर रहे हैं.

    यूनिवर्सिटी ने मंगाए थे आवेदन

    एप में गड़बड़ी की शिकायत आने पर कॉलेज ने यह व्यवस्था लागू की थी कि जिन छात्रों को परीक्षा के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ा है, वे छात्र अपने प्राचार्य को परीक्षा की तारीख, समस्या और पेपर का नाम लिख कर जमा करना था. उस वक्त हजारों छात्रों ने आवेदन दिया था. यह सभी आवेदन प्राचार्यों ने यूनिवर्सिटी को भेज दिया था. सभी छात्रों का रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी के पास मौजूद है. ऐेसे में यूनिवर्सिटी को भी अब इन छात्रों के भविष्य को देखते हुए निर्णय लेना चाहिए.

    मानिसक परेशानी झेल रहे छात्र

    एप की गड़बड़ी की वजह से हजारों छात्र इस लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच मानसिक परेशानी झेल रहे हैं. छात्रों का कहना है कि हमारे घरों में इस वक्त तमाम तरह की परेशानी है. कहीं कोरोना तो कहीं कोई बीमार है. ऐसे में व्यापार और अन्य संसाधन भी नहीं है. ऐसे वक्त में यूनिवर्सिटी एग्जाम के बारे में कुछ नहीं बता रही है. जब तक इसका कोई हल नहीं निकल जाता तब तक हमें टेंशन ही रहेगा.