sahil Sayyad

  • वक्फ की जमीन बेचने का मामला

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नागपुर. शहर के चर्चित ब्लैकमेलर और ठग साहिल सैयद को बोगस दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वक्फ बोर्ड की जमीन बेचने के मामले में प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी फटाले ने जमानत मंजूर की है. साहिल के खिलाफ मानकापुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. साहिल के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है. ब्लैकमेलिंग सहित लोगों की प्रापर्टी पर कब्जा करने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति हड़पने में साहिल माहिर है.

मानकापुर थानांतर्गत वक्फ बोर्ड की जमीन पर बगदादिया सोसायटी बनाकर साहिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई लोगों को प्लाट बेचे. इतना ही नहीं फर्जी दस्तावेजों से बड़े प्लाट पर अपना बंगला भी बना लिया. हालाकि यह बंगला मनपा द्वारा तोड़ा जा चुका है. मानकापुर थाने में साहिल के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और ट्रेसपासिंग का मामला दर्ज किया था. पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद साहिल को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया. बचावपक्ष के अधिवक्ता कमल सतुजा और कैलाश डोडानी ने इस मामले में जमानत अर्जी दायर की.

उन्होंने न्यायालय को बताया कि साहिल को फर्जी तरीके से मामले में फंसाया गया है. पुलिस हिरासत में उससे कोई फर्जी दस्तावेज जब्त नहीं हुए. प्लाट खरीदी बिक्री का व्यवहार 10 वर्ष पुराना है. एफआईआर करने में काफी देरी हुई है. आरोपी का बंगला मनपा पहले ही तोड़ चुकी है. उसे जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है.

सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया. जांच प्राथमिक स्तर पर होने का हवाला देते हुए न्यायालय के समक्ष साहिल के अपराधों की सूची रखी गई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद साहिल को जमानत मंजूर की.