- मोका अदालत ने दिया आदेश
नागपुर. पूरे देश में सनसनी फैलाने वाले बाल्या बिनेकर हत्याकांड के आरोपियों की पुलिस हिरासत 22 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. पुलिस ने मोका कानून के तहत आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया. विभिन्न पहलुओं पर जांच की दलील देकर आरोपियों की हिरासत की बढ़ाने की मांग की गई. पुलिस की ओर से पेश जांच अधिकारी रेखा भवरे और विशेष सरकारी वकील अभय चिकार ने मोका अदालत से कहा कि यह एक जघन्य और संगठित अपराध है. ऐसे में इस मामले की सघन जांच जरूरी है.
भोले पेट्रोल पंप चौक पर दिनदहाड़े इस वारदात में पुलिस को आरोपियों के व्यवसाय और उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में विस्तार से पूछताछ करनी है. साथ ही हत्याकांड के मुख्य आरोपी चेतन हजारे द्वारा उपयोग की गई कुल्हाड़ी, सीसीटीवी फुटेज और आरोपियों के टॉवर लोकेशन आदि की भी सघन जांच करनी है. सारी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पीसीआर बढ़ाने की मांग स्वीकार करते हुए आरोपियों को 22 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
इस तरह की थी निर्मम हत्या
ज्ञात हो कि 27 सितंबर को बाल्या अपने किसी काम से जा रहा था. उसकी कार भोले पेट्रोल पम्प के पास सिग्नल पर खड़ी थी. इसी समय चेतन ने अपने पिता सुनील हजारे की हत्या का बदला लेने लिए अपने दोस्तों के साथ बाल्या पर हमला कर दिया. कुल्हाड़ी, चाकू और हथौड़ों से कार के कांच तोड़कर ताबड़तोड़ हमले किये. उसे कार के बाहर निकालकर निर्दयता से मौत के घाट उतार दिया. भरी दोपहर हुए इस जघन्य हत्याकांड के दौरान कई लोग सिग्नल पर मौजूद थे और सारी घटना सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड भी हो गई.
इससे पहले कि पुलिस मौके पर पहुंच पाती, सभी आरोपी मौके से भाग गये. अगले ही दिन पुलिस ने चेतन समेत उसके साथियों में रजत राजा तांबे, आसिम विजय लुडेरकर और भारत राजेन्द्र पंडित को धर दबोचा था. इसके बाद पुलिस ने उनकी मदद करने वाले अनिकेत मंथापूरवार, रवि नागाचारी, आदर्श खरे और सतीश नायडू को भी गिरफ्तार किया. अपराध की गंभीरता देखते हुए शहर पुलिस ने सभी पर मोका भी लगा दिया गया.