Bank fraud
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    नागपुर. मत्स्य पालन के व्यवसाय में पैसा निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर लोगों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाने वाले फॉर्च्यून एक्वा और विजन फिशरीज कंपनी के संचालक राजेश बनसोड़ ने दिल्ली तक अपना नेटवर्क फैला रखा था. बताया जाता है कि दिल्ली में करीब 2 दर्जन लोग उसके जाल में फंसे. उनका करीब 30 करोड़ रुपये फार्च्यून एक्वा और विजन फिशरीज ने डुबाया है. जानकारों की मानें तो बनसोड़ मूलत: भंडारा का रहने वाला है. कुछ वर्ष पहले तक वह साइकिल पर घूम-घूम कर चाकलेट-बिस्कुट बेचता था. बाद में वह कामठी परिसर में रहने आ गया. एक गांव के सरपंच को अमीर बनने के सपने दिखाए.

    सरपंच के जरिए गांव के किसानों से भी लाखों रुपया जमा किया. इसके बाद शुरू हुआ उसका ठगी का व्यवसाय. मोटी रकम जमा करने के बाद उसने रामदासपेठ परिसर में अपना कार्यालय खोला. खुद के लिए महंगी कार खरीदी. पेंच और नवेगांव बांध में हैचरी और केज शुरू किया. लोगों को बताता था कि इस काम में कम समय में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. तालाबों में केज बनाकर वहां सीड के जरिए मछली का उत्पादन किया जाएगा. निवेशकों ने भी इस बारे में रिसर्च किया. व्यवसाय में मुनाफा अच्छा होने की जानकारी मिली लेकिन कोई ये नहीं जानता था कि बनसोड़ व्यवसाय में पैसा लगाने की आड़ में खुद ही डकार जाएगा. 

    25 महीने में रकम दोगुनी करने का दिया झांसा 

    जनपद, गाजियाबाद निवासी रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि एक कार्यक्रम के दौरान उनकी पहचान बनसोड़ से हुई थी. उसने उन्हें एक्वा एग्रो कल्चर में भारी मुनाफा होने की जानकारी दी. उन्हें अपने प्रोजेक्ट देखने के लिए नागपुर बुलाया. आलीशान होटल में ठहराया और अपनी लग्जरी गाड़ी में केज और हैचरी दिखाने ले गया. उन्हें भी प्रोजेक्ट दमदार लगा. रजनीश ने प्रोजेक्ट के बारे में अपने रिश्तेदारों को भी बताया. बैंक में सालाना 7 प्रश ब्याज मिलता है. जबकि बनसोड़ ने 25 महीने में रकम दोगुना करने का झांसा दिया. देखते ही देखते लोग व्यवसाय से जुड़ने लगे. केवल रजनीश और उनके रिश्तेदारों द्वारा 2 करोड़ रुपये निवेश किए गए. दिल्ली के ही रवींद्र यादव ने बनसोड़ के छलावे में फंसकर 1.50 करोड़ रुपये निवेश कर दिए. जल्द ही वे नागपुर पुलिस से प्रकरण की शिकायत करेंगे. 

    लोगों को अब भी रकम मिलने का भरोसा 

    बनसोड़ के व्यवसाय में पैसा निवेश करने वालों की न तो संख्या कम है और न निवेश की गई रकम. रंजना नामक महिला ऑडिट कार्यालय से निवृत्त हुईं. बनसोड़ ने तरह-तरह के झांसे दिए. उन्हें बताया कि बैंक में पड़ी रकम पर भारी टैक्स लगेगा. उससे किसी प्रकार की आवक भी नहीं होगी. इसीलिए पैसा व्यापार में निवेश कर मुनाफा कमाए‍. रंजना ने 1 करोड़ रुपया निवेश कर दिया. हूड नामक व्यक्ति को भी इसी तरह फंसाया गया और उनसे 40 लाख रुपये निवेश करवाए. अपने करीबी लोगों को भी उसने नहीं बख्शा. साए की तरह उसके साथ काम करने वाले गरीब लड़के को भी चूना लगाया. लेकिन लोगों को अब भी लगता है कि उनकी रकम बनसोड़ लौटा देगा, जबकि जानकारों का मानना है कि उसने केवल 10 प्रश रकम ही व्यवसाय में निवेश की. पहले से उसकी योजना लोगों की रकम पचाने की थी. 

    इसकी टोपी उसके सिर 

    सूत्रों का कहना है कि यदि बनसोड़ निवेश की गई राशि को व्यवसाय में डालता तो वाकई में भारी मुनाफा हो सकता था. उसने कुछ गिने-चुने बांध में केज तैयार किए. कुछ किसानों से जमीन किराए पर लेकर हैचरी तैयार की. मछली और प्रॉन की पैदावार तब होती जब वह वाकई में केज में बीज डालता. वह केवल लोगों को दिखाने के लिए कुछ केज में बीज डालता था. एक व्यक्ति से पैसा लेकर दूसरे को मुनाफा बताकर कुछ रकम दे देता था. इससे लोगों को विश्वास बढ़ जाता था लेकिन वह निवेशकों की रकम की रोलिंग करता था. 

    MLM कंपनियां भी फंसीं 

    केवल लोगों ने ही बनसोड़ की कंपनी में पैसा निवेश नहीं किया. कुछ मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) कंपनियां भी उसके जाल में फंसी हैं. बताया जाता है कि मोटी रकम हासिल करने के लिए बनसोड़ ने दिल्ली और मुंबई की एमएलएम कंपनियों को भी अपने धंधे में शामिल किया. इन कंपनियों ने लोगों से करोड़ों रुपयों की राशि जमा की और कुछ पैसा बनसोड़ की कंपनी में निवेश किया. अब जब व्यापार डूब गया तो इन कंपनियों की सांसें भी फूली हुईं हैं. यदि लोगों को पता चल गया कि उनसे ली गई राशि डूब गई तो ये कंपनियां भी मुश्किल में आ सकती हैं. इसीलिए करोड़ों रुपया डूबने के बाद भी कोई पुलिस से शिकायत नहीं कर रहा है.