नागपुर. लाकडाउन खुलने के साथ ही अब सिटी की सड़कों पर वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. चौराहों को सिगनल भी इसे देखते हुए शुरू कर दिया गया है. इसी के साथ चौराहों पर रेड सिगनल में खड़े वाहनचालकों से भीख मांगने वाले बच्चे भी सक्रिय हो गए हैं. सभी व्यस्ततम चौराहों पर छोटे-छोटे बच्चों को एक से दूसरे वाहन की ओर भाग-भाग कर भीख मांगते देखा जा रहा है. इन बच्चों को रोकने वाला कोई नहीं है.
सिगनल ग्रीन होते ही तेज गति से वाहन दौड़ने लगते हैं और अगर ऐसे में कोई बच्चा वाहनों की चपेट में आ गया तो जान का खतरा हो सकता है. सिटी के लगभग सभी व्यस्ततम चौराहों में बच्चों को भीख मांगते देखा जा रहा है. रिजर्व बैंक चौक, पंचशील चौक, वेराइटी चौक, मानेवाड़ा चौक सहित बाजार क्षेत्रों के अमूमन चौराहों में ये बच्चे भीख मांगते नजर आ रहे हैं.
चौराहों पर डेरा
ये घूमंतू समुदाय परिवार के बच्चे हैं जो अपने माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ चौराहों पर या किसी इलाके में फुटपाथ पर ही डेरा जमा कर रहते हैं. इनके परिवार के बड़े सदस्य चौराहों पर गुब्बारे, अन्य खिलौने, कार में लगने वाले कुछ एसेसरीज आदि बेचने का काम करते हैं और अपने छोटे-छोटे बच्चों को भीख मांगने के काम में लगा देते हैं. इनका डेरा रिजर्व बैंक से सटे कपी ग्राउंड की ऐतिहासिक छतरी में भी लगा रहता है.
पश्चिम नागपुर के सबसे अधिक व्यस्त शंकरनगर चौक में भी इन्हें देखा जा रहा है. वहीं दक्षिण नागपुर के मानेवाड़ा चौक में भी कुछ बच्चे वाहनचालकों से भीख मांगते नजर आ रहे हैं. ये कभी भी गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकते हैं या फिर खुद भी शिकार हो सकते हैं. पुलिस प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.