Pipla Fata, Nagpur, Tension

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    नागपुर. हुड़केश्वर थानांतर्गत पिपला फाटा परिसर में शुक्रवार दोपहर एक हाई वोल्टेज ड्रामा दिखा जब 19 वर्षीय एक युवक ने बिल्डर राजू वैद्य के पूरे परिवार को बंदूक के नोक पर बंधक बना लिया और 50 लाख रुपये मांगे. करीब 4 घंटे तक चले इस सीन के दौरान घर की 3 महिलाओं, 3 बच्चियों समेत एक छोटे से बच्चे की जान फंसी रही. लेकिन डीसीपी (क्राइम) गजानन राजमाने के नेतृत्व में एपीआई सोनटक्के, एपीआई कदम और एपीआई भुजबल के साथ एनसीपी कोडापे ने अपनी जान पर खेलकर ना सिर्फ सभी की जान बचाई बल्कि आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया. आरोपी हुड़केश्वर खुर्द निवासी जितेन्द्र तुलसीराम भिसेन बताया गया. जितेन्द्र का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं बताया जा है लेकिन उसके भाई अनिकेत पर चोरी जैसे मामले दर्ज हैं.

    3 लोगों को किया कमरे में बंद

    मिली जानकारी के अनुसार, राजू वैद्य पेश से बिल्डर हैं. उनका परिवार पिपला फाटा के पास क्रिएटिव को-ऑपरेटिव सोसाइटी नाम की बिल्डिंग में रहता है. दोपहर करीब 2.30 बजे जितेन्द्र ने बंदूक का डर दिखाकर राजू के घर में प्रवेश किया. इस दौरान पहली मंजिल पर परिवार के एक वृद्धा समेत अन्य 3 महिलायें और दूसरी मंजिल पर 2 लड़कियों समेत एक छोटा बच्चा मौजूद थे. जितेन्द्र ने अपना चेहरा काले पकडे से ढंक रखा था. घर में घुसते ही उसने पहली मंजिल पर ही 3 महिलाओं और 1 बालिका को एक कमरे में बंधक बना लिया. वह बार-बार बंदूक लहराते हुए जान से मारने की धमकी दे रहा था. उसके पास एक चाकू भी था. उसने कहा कि जब तक उसे 50 लाख रुपये नहीं मिल जाते तब तक वह पूरे परिवार को बंधक बनाकर रखेगा और ऐसा न करने पर सभी को गोली मार देगा.

    रिश्तेदारों को लगवाया फोन

    इसके बाद जितेन्द्र ने बालिका के जरिए बाकी रिश्तेदारों से बात की और 50 लाख रुपये मांगे. इसी बीच बालिका ने अपने चाचा को फोन किया. तब जितेन्द्र ने भी उनसे बात करके रुपये लाने को कहा. तब उन्होंने कहा कि परिवार के किसी सदस्य को कुछ मत करना, मैं 50 लाख रुपये लेकर आता हूं. इस बार उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी. करीब 3.15 बजे पुलिस को जानकारी मिली और 3.30 बजे हुड़केश्वर समेत आसपास के थानों से भी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और पूरी इमारत को घेर लिया. इस दौरान लोगों का भी भारी मजमा लग गया. आरोपी खिड़की से पुलिस को भी धमका रहा था. 

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    DCP राजमाने ने संभाली मिशन की कमान

    उधर, जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजमाने भी मौके पर पहुंचे. आरोपी को पकड़ने के साथ ही परिवार के सदस्यों की जान बचाना जरूरी था. ऐसे में तय किया गया कि आरोपी को रकम देने के बहाने मोबाइल पर बातों में उलझाकर रखा जाएगा. प्लानिंग के तहत आरोपी की मांग मान ली गई लेकिन पहली बार में उसे खिडकी के पास बुलाकर पहले 2 लाख रुपये दिए गए. दूसरी बार में उसे 2 और तीसरी बार में फिर 2 लाख रुपये की रकम दी गई. इस दौरान वह लगातार मोबाइल पर बात कर रहा था. इससे पुलिस को घर में उसकी सटीक लोकेशन पता चल गई. इस बीच डीसीपी गजानन राजमाने, एपीआई सोनटक्के, एपीआई भुजबल और एपीआई कोडापे बिल्डिंग के पिछले रास्ते से घर में घुसे. उन्होंने सबसे पहले दूसरी मंजिल पर मौजूद महिला और बच्चों को पीछे के रास्ते से ही बाहर निकाला. इस दौरान आरोपी को रकम के लिए खिड़की के पास ही व्यस्त रखा गया. 

    हमले का डर

    इसके बाद पुलिस टीम ने पहले मंजिल में प्रवेश किया. डर था कि जरा सी आहट होने पर आरोपी महिला या बच्चियां पर हमला कर सकता था. साथ ही अपने ऊपर भी हमले का डर था. लेकिन पुलिस ने टीम ने बडी ही खामोशी से पहली मंजिल के कमरे देखें. आखिर उस कमरे तक पहुंच गये जहां सभी को बंधक बनाकर रखा गया था. बड़े की शांत तरीके से चारों पुलिस ऑफिसरों ने जितेन्द्र को धरदबोचा. उससे बंदूक और चाकू छीनकर बेदम पिटाई कर गिरफ्तार कर लिया. 

    सभी ने ली राहत की सांस

    राजू वैद्य का परिसर में काफी नाम है. नन्हे बच्चों और महिलाओं समेत पूरे परिवार को बंदूक की नोक पर बंधक बनाने की खबर परिसर में आग की तरह फैल गई और कुछ देर में लोगों का मजमा लग गया. लेकिन जानकरी मिलने के 15 मिनट के भीतर की पुलिस बल की मौजूदगी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा मोर्चा संभालने और करीब 4 घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद आरोपी की गिरफ्तारी और पूरे परिवार की सलामती के बाद सभी ने राहत की सांस ली.