In Maharashtra, 65 people died in just 9 months in wild animal attacks, 23 tigers died in 6 months, the state government said
File Photo: Twitter

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नागपुर. पिछले 2 महीनों से कई गांवों में उत्पात मचाने के बाद बुधवार को अंधारवाड़ी वासरी कोपामांडवी के कोब्बई परिसर से नरभक्षी बाघिन को ट्रान्क्यूलाइज कर पकड़ लिया गया. इसके बाद से सिटी के सेमिनरी हिल्स स्थित ट्रान्जिट ट्रिटमेंट सेंटर में लाया गया. टीटीसी में बाघिन की वैद्यकिय जांच करने के बाद उसे क्वारंटाईन किया गया है. हालांकि बाघिन में कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले है. गुरुवार का वन विभाग के वैद्यकीय अधिकारी द्वारा उसी दूबारा जांच की जाएगी. 

2 महीनों से ग्रामिणों में थी दहशत
चर्चा थी की बाघिन को पांढरकवड़ा से गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र ले जाया जाएगा, लेकिन गोरेवाड़ा में पहले से ही कई बाघ रखे गये है. ऐसे में बाघिन को पीसीसीएफ नितिन काकोड़कर के आदेश पर टीटीसी में रखा गया है. ज्ञात हो कि बाघिन ने 2 महीनों से पांढरकवड़ा के कई ग्रामिण इलाकों में दहशत मचा रखी थी. कई पशुपालक और पालतू मवेशियों पर हमला किया. इसके साथ ही एक किसान पर हमला कर उसे घायल किया. वहीं एक महिला किसान की मृत्यु का कारण बनी थी. परिस्थिति और भयानक न हो इसलिए वनमंत्री संजय राठौड़ ने ग्रामिण निवासियों और वनाधिकारियों के साथ विशेष बैठक की. इसके बाद पीसीसीएफ द्वारा बाघिन को पकड़ने के आदेश जारी हुआ.

अमरवती और पेंच से गई टीम
बाघिन को पकड़ने के आदेश वन विभाग को मिलते ही तेज प्रयास शुरू हुए. बुधवार की सुबह अंधारवाड़ी परिसर में इस उसे को भटकते हुए देखा गया.दस्ते ने बंदूक से ट्रैंक्यूलाइज देकर बेहोश किया. इसके बाद पाटनबोरी परिसर के नागरिकों ने राहत की सांस ली. बाघिन को पकड़ने के लिए अमरावती और पेंच बाघ प्रकल्प से स्पेशल फोर्स बुलाई थी. साथ ही पांढरकवड़ा क्षेत्र के कर्मी भी स्पेशल फोर्स में शामिल हुए थे. विगत कुछ दिनों से इस आदमखोर बाघिन की खोजबीन चल रही थी.