- कल्चरल इवेंट, स्पोर्ट्स एक्टिविटी पर रोक के संकेत
नागपुर. लॉकडाउन की वजह से स्कूलें बंद हैं, कई सीबीएसई स्कूलों ने घर बैठे छात्रों के लिए आनलाइन क्लासेस उपलब्ध कराई, लेकिन अब अगले सत्र की शुरुआत किस तरह होगी, इसको लेकर पालकों में संभ्रम की स्थिति बनी हुई है. इस संबंध में सीबीएसई ने संकेत दिए हैं कि 15 जुलाई के बाद देशभर में स्कूल शुरू किए जा सकते हैं.
संक्रमण के खतरे से बचने के लिए सीबीएसई स्कूलों में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इसमें सबसे बड़ा बदलाव बच्चों के ऑड-इवन पैटर्न पर आने का हो सकता है. हर स्कूल में छात्रों को उनके रोल नंबर (आईडी नंबर) के आधार पर ऑड-इवन पैटर्न पर बुलाया जा सकता है. इस हालत में एक छात्र सप्ताह में तीन दिन स्कूल जा सकेगा. वहीं पहली से 12वीं का सिलेबस 25 से 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. शनिवार को हॉफ डे की बजाय फुल क्लासेस लगाई जा सकती है.
स्कूल जुलाई से खुल सकते हैं, लेकिन सिलेबस पूरा करने के लिए कम समय मिलेगा. इस हालत में करीब 25 प्रतिशत हिस्सा कम किया जा सकता है. किसी क्लास में यदि मैथ्स के 20 लेसन हैं तो उसे 16 तक किया जा सकता है. हर क्लास में होमवर्क लिखवाने में 7-8 मिनट लगते हैं. होमवर्क नोट कराने की बजाय अब प्रिंटेड वर्कशीट दी जाएगी. जो समय बचेगा, उसमें पढ़ाई होगी. स्पोर्ट्स और कल्चरल इवेंट नहीं कराए जाएंगे, क्योंकि इसमें छात्र एक साथ जमा होते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
शनिवार को फुल डे स्कूल
यदि अगस्त में स्कूल शुरू होते हैं तो 7 महीने के हिसाब से 28 शनिवार होते हैं. शनिवार को फुल डे क्लासेस लगने से 3 पीरियड बढ़ेंगे. यानी कुल 84 पीरियड अतिरिक्त मिल सकेंगे. कुछ स्कूल रविवार को भी क्लासेस लेने की प्लानिंग कर सकते हैं. एक सेक्शन के छात्र दूसरे सेक्शन में नहीं जा सकेंगे. सिलेबस कम करने के लिए फेस्टिवल और विंटर की छुट्टियां भी कम की जाएंगी. स्कूलों में एक से ज्यादा एंट्री-एग्जिट पॉइंट बनाए जाएंगे ताकि एक ही समय एक ही जगह पर छात्रों की भीड़ न हो. बेंचेज भी एक से डेढ़ फीट की दूरी पर रखी जाएगी. जहां पहले दो छात्र बैठते थे, अब वहां एक ही छात्र बैठेगा ताकि दूरी बनी रहे.
ग्रुप स्टडी पर भी रोक
स्कूल बसों को रोज अंदर-बाहर से सैनेटाइज किया जाएगा. हर तीसरे दिन पूरा कैंपस सैनेटाइज करेंगे. रोज बेंचेज, चेयर्स, ब्लैकबोर्ड, ड्राइंग जैसे सामानों को सैनेटाइज किया जाएगा. छात्र-शिक्षकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. स्कूल खुलने के कुछ दिनों तक प्रार्थना नहीं होगी. स्कूलों में कैंटीन भी नहीं खुलेगी. बच्चों को घर से लाया टिफिन ही खाना होगा. कैंपस में ग्रुप बनाकर खेलना और पढ़ना भी बैन रहेगा.