Nagpur ZP

Loading

नागपुर. कोरोना लाकडाउन के चलते वैसे ही सभी सरकारी विभागों में जरूरत के हिसाब से ही स्टाफ को बुलाकर कार्य करवाया जा रहा है. सरकार के निर्देशानुसार अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष विभागों में 15 फीसदी कर्मचारियों या फिर 15 कर्मचारियों में जो अधिक हो उन्हें ड्युटी पर बुलाया जा रहा है. विभागों में रोटेशन सिस्टम से कर्मचारियों से ड्युटी करवाई जा रही है. वहीं ग्रामीण भागों में कृषि, स्वास्थ्य, जलापूर्ति विभाग में कार्य निरंतर जारी है. ऐसे में जिला परिषद में अनेक कर्मचारी बिना अधिकारियों को सूचना दिए महीनों से नदारद बताये जाते हैं.

नवनियुक्त सीईओ योगेश कुंभेजकर ने ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर विभाग प्रमुखों को उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार कुंभेजकर ने सभी विभाग प्रमुखों की बैठक ली जिसमें उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति की समीक्षा की. तब ध्यान में आया कि अनेक कर्मचारी तो बिना किसी सूचना के महीनों से नदारद हैं. ऐसे सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है.

मचा है हड़कंप
जैसे ही सीईओ द्वारा उक्त निर्देश दिये जाने की जानकारी फैली तो सभी विभागों में हड़कंप मच गया. जानकारी के अनुसार, ड्युटी पर आए कर्मचारियों ने अपने गायब रहने वाले साथियों को सीईओ के इस कड़े कदम की सूचना दे दी है ताकि वे लाइन पर आ जाएं. विभाग प्रमुखों द्वारा ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाए जाने की जानकारी है. यह भी देखा जा रहा है कि किन-किन कर्मचारियों को रोटेशन पर कितने दिनों के अंतराल में बुलाया गया था और वे अपनी ड्युटी पर आए थे या नहीं. सूची बनने के बाद सीईओ क्या कार्रवाई करते हैं इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं. 

भय के साये में कार्य
जिला परिषद मुख्यालय में लाकडाउन के समय तो ग्रामीण इलाकों से अपने कार्य के सिलसिले में आने वाले लोगों की भीड़ बंद हो चुकी थी लेकिन जैसे ही अनलाक के चलते छूट दी जाने लगी तो विविध विभागों में आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. सबसे अधिक कृषि विभाग, शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग में विजिटर्स आ रहे हैं. जिसके चलते इन विभागों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी कोविड-19 के भय के साये में कार्य कर रहे हैं. हालांकि कार्यालय के मुख्य द्वार पर ही आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान मापा जा रहा है, हाथ सेनिटाइज किया जा रहा है और बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.

लेकिन चूंकि अब कोरोना पाजिटिव व्यक्ति में बुखार, सर्दी, खांसी जैसे लक्षण ही नजर नहीं आने की चर्चा है इसलिए यह भय अधिक बढ़ गया है. बहुत ही जरूरी होने पर ही अधिकारी विजिटर्स से मिल रहे हैं अन्यथा कर्मचारियों के टेबल से ही उन्हें निपटाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन आने वाले अनेक ऐसे होते हैं जो अधिकारियों से ही मिलने की जिद पर रहते हैं. ऐसे लोगों से अधिकारी मिल भी रहे हैं लेकिन कोरोना का भय उनमें भी देखा जा रहा है. 

एक ही द्वार पर व्यवस्था
जिप मुख्यालय में केवल नई इमारत के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही कोरोना से बचने की उपाययोजना की गई है. इमारत के पिछले द्वार से कोई भी बिना थर्मल स्क्रीनिंग, सेनिटाइज व मास्क के इमारत में प्रवेश कर सकता है. अनेक लोग तो अपने वाहन पार्किंग में लगाकर पिछले द्वार से ही प्रवेश कर रहे हैं. वहीं पुरानी इमारत में किसी तरह की उपाययोजना नहीं की गई है. उस इमारत में भी विजिटर्स बाहर से आते हैं. ऐसे में कार्यालय में कोरोना फैलने का भय स्पष्ट नजर आता है.