RTMNU, nagpur University

  • नागपुर विवि के सामने फिजिकल डिस्टेंसिंग व्यवस्था बनाने की चुनौती

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नागपुर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों का पालन करना है या नहीं, इस संदर्भ में महाराष्ट्र में स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. इस विषय पर विवि प्रशासन की निगाहें राज्य प्रशासन की ओर हैं. यदि परीक्षा हो गई तो इसका नियोजन कैसे करना है, इसे लेकर मंथन चल रहा है. जानकारी के अनुसार जब सितंबर में परीक्षा होगी तब विद्यापीठ को परीक्षा केन्द्रों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी. ऐसी स्थिति में महाविद्यालयों को इसके लिए मनाना विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.

यूजीसी ने अंतिम वर्ष विद्यार्थियों की परीक्षाओं को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है, इसके बाद नागपुर विद्यापीठ में संभ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. मंगलवार को परीक्षा न हो, ऐसी भूमिका राज्य सरकार की है. इस कारण विद्यापीठ अनुदान आयोग के निर्देशों को लेकर सरकार ठोस कौन सा निर्णय लेती है, इसी पर विद्यापीठ की परीक्षाओं का होना या न होना निर्भर करेगा.

विद्यापीठ के एक अधिकारी ने बताया कि यदि परीक्षा हुई तो क्या होगा, इस बारे में सोचना पड़ेगा. परीक्षाओं के पेपर नए सिरे से सेट करने का काम जल्द हो जाएगा लेकिन सबसे बड़ी समस्या परीक्षा केन्द्रों को लेकर है. परीक्षा केन्द्रों पर शारीरिक दूरी बनाकर बैठक व्यवस्था बनाना अनिवार्य है. इस शर्त के कारण परीक्षा केन्द्रों की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी. नागपुर विश्वविद्यालय से 500 कॉलेज संलग्न हैं. इनमें से 250 ग्रामीण भागों में हैं.

सभी जगह डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे तो केन्द्रों की संख्या कम पड़ जाएगी. ऐसी स्थिति में प्रशासन को नए परीक्षा केन्द्रों की खोज करनी पड़ेगी. परीक्षा केन्द्र निर्धारित करते समय विद्यार्थियों की वहां पहुंचने की सुविधा को भी ध्यान में रखना पड़ेगा. इस विषय पर जानकारी के लिए परीक्षा व मूल्यमापन संचालक डॉ. प्रफुल्ल साबले ने संपर्क नहीं हो सका.