Child marriage
प्रतीकात्मक तस्वीर

  • 12 माह में रोके गए 14 आयोजन
  • बाल विवाह प्रतिबंधात्मक कानून के तहत की गई कार्रवाई

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नागपुर. आज बेटियां भी बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. इसके बावजूद लॉकडाउन की आड़ में इन्हीं बेटियों की कम उम्र में शादी की जा रही हैं. जिले में पिछले एक साल में 12 बाल विवाह के आयोजन किए गए. समाजिक विभाग, बाल कल्याण सुरक्षा विभाग का दावा है कि यह बाल विवाह को रोकने में उन्हें सफलता भी मिली है.

लॉकडाउन की आड़ में हो रहे विवाह

बता दें कि नागपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी बाल विवाह को प्राथमिकता दी जा रही है. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की इस अवधि में कई गलत कामों को अंजाम दिया जा रहा है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह का ग्राफ बढ़ा हैं. विभाग द्वारा जारी आंकड़े बयां करते हैं कि पिछले एक साल में 14 बाल विवाह का आयोजन किया गया. लेकिन प्रशासन द्वारा इसे रोकने में सफलता प्राप्त हुई है. बताया गया कि सर्वाधिक बाल विवाह का प्रयास इसी वर्ष किया गया. इनमें से 9 बाल विवाह रोकने में प्रशासन को सफलता मिली है.

यहां हुईं कार्रवाई

· 6 जून 2020 कचीमेट मटकाझरी, तह. उमरेड, जि.नागपुर

· 13 जून 2020 तरोडी, कोंढाली, तह. काटोल, जि. नागपुर

· 9 जुलाई 2020 कामठी, जि. नागपुर

· 29 सितंबर 2020 कामठी, जि. नागपुर

· 6 नवंबर 2020 वाही, तह. काटोल, जि.नागपुर

· 6 जनवरी 2021 लष्करीबाग, नागपुर

· 2 फरवरी 2021 वाकेश्वर, तह.मौदा, जि. नागपुर

· 6 मार्च 2021 पीठेसुर, जि.नागपुर

· 8 मार्च 2021 कोदामेंढी, तह. मौदा, जि.नागपुर

· 29 मार्च 2021 रविदासनगर, तह. कामठी, जि.नागपुर

· 6 अप्रैल 2021 वाही, तह.काटोल, जि.नागपुर

· 8 अप्रैल 2021 पांचगांव, तह. उमरेड, जि.नागपुर

· 11 अप्रैल 2021 खापरीकेने, तह. नरखेड, जि.नागपुर

· 15 अप्रैल 2021 पारडी, जि.नागपुर

जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई

जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे के आदेश पर जिला बाल संरक्षण कक्ष की जिला महिला व बाल कल्याण विकास अधिकारी अर्पणा कोल्हे के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुस्ताक पठाण के कुशल नेतृत्व में विनोद शेंडे, साधना हटवार, सामाजिक महिला कार्यकर्ता स्नेहा सोनटक्के, प्रमोद भरणे, सुरेंद्र कुथे और सुजाता गुल्हाणे ने उक्त सभी बाल विवाह रोकने में न केवल सफलता ही मिली है, बल्कि बाल विवाह कराने वाले लड़का और लड़की के परिजनों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिबंधात्मक कानून अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई भी की गई.