Thieves used to come as guests in weddings and used to flee with women's handbags, arrested by Maharashtra Police
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नागपुर. शहर से बच्चों की तस्करी करने वाली गैंग को क्राइम ब्रांच के सामाजिक सुरक्षा विभाग ने गिरफ्तार किया. यह गैंग बच्चों का अपहरण और खरीद-फरोख्त कर लोगों को बेचती है. जानकारी मिलते ही पुलिस टीम जांच में जुट गई. 1 सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने जाल बिछाकर 5 महिलाओं समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों में साईंबाबानगर, खरबी निवासी सुरेंद्र यादवराव पटले (44), पूजा सुरेंद्र पटले (40), इंदोरा भंडार मोहल्ला निवासी शर्मिला विजय खाकसे (50), दिघोरी निवासी शैला विनोद मंचलवार (32), गोरले लेआउट, सुभाषनगर निवासी लक्ष्मी अमर राणे (38) और बारसेनगर, पांचपावली निवासी मनोरमा आनंद ढवले (45) का समावेश है. बताया जाता है कि यह गैंग लंबे समय से चाइल्ड ट्रैफिकिंग के धंधे में सक्रिय है. विशेषतौर पर निस्संतान लोगों को बच्चे बेचती है. इस गैंग की मुखिया शर्मिला खाकसे है. पुलिस ने गैंग को पकड़ने की योजना बनाई. पंटर ग्राहक दंपति तैयार कर पुलिस ने शर्मिला से संपर्क किया.

3.50 में लड़का और 2.50 लाख में लड़की

उसने बताया कि यदि लड़का चाहिए तो 3.50 लाख और लड़की चाहिए तो 2.50 लाख रुपये देने होंगे. बीते बुधवार को एक डिलेवरी होने की जानकारी उसने पंटर ग्राहक को दी और कहा कि डिलेवरी होते ही बच्ची मिल जाएगी. इसके लिए उन्हें आधार कार्ड लेकर सीधे अस्पताल पहुंचना होगा. लेकिन किसी कारण से बच्चे की डिलेवरी नहीं हो पाई. पुलिस को लगा वह बहाने कर रही है. इसी दौरान शर्मिला ने बताया कि उसकी 4 वर्ष की बच्ची है, चाहो तो उसे ले जाओ. यह सुनकर तो पुलिस भी सकते में आ गई. पंटर ग्राहक द्वारा हामी देते ही शर्मिला ने पैसे लेकर मेडिकल चौक पर हल्दीराम के सामने मिलने बुलाया. सुरेंद्र बच्ची को लेकर वहां पहुंचा और पुलिस ने उसे दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य 5 महिलाओं को गिरफ्तार किया. आरोपियों के पास मिली 4 वर्ष की बच्ची शिवानी मध्यप्रदेश के सिहोरा की रहने वाली है. पुलिस ने माता-पिता से संपर्क कर उन्हें नागपुर बुलाया है. पूछताछ में पता चला कि शैला मंचलवार ने खुद कुछ दिन पहले अपने 12 दिन के बच्चे को शर्मिला के जरिए किसी को बेचा है. 

डॉक्टर की भी मिलीभगत 

प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह गैंग गरीब दंपति को पैसे का लालच देकर बच्चे खरीदती है. यह रैकेट बहुत बड़ा है और इसमें डॉक्टर की भी मिलीभगत है. शर्मिला ने बातचीत के दौरान अस्पताल से ही बच्चा बेचने की बात कही थी. साथ में आधार कार्ड लाकर अपने नाम से रजिस्ट्रेशन करवाने को कहा था. यह काम डॉक्टर की मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकता. जांच में और भी मामले उजागर हो सकते हैं. छुड़ाई गई बच्ची को बालगृह में रखा गया है. इस कार्रवाई में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुश्ताक पठान का सहयोग मिला. डीआईजी सुनील फुलारी, डीसीपी गजानन राजमाने और एसीपी सुधीर नंदनवार के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर सार्थक नेहेते, एपीआई सुरोशे, पीएसआई अतुल इंगोले, स्मित सोनवने, हेड कांस्टेबल कुंदा जांभुलकर, अनिल अंबादे, राशिद, चेतन, मनीष, अजय, भूषण, राहुल पाटिल, रुबिना शेख, सुजाता पाटिल, रीना जांभुलकर और कुमुदिनी मेश्राम ने कार्रवाई को अंजाम दिया.