Illegal fishing in Ambajhari pond
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    • बाउंड्रीवाल भी दुरुस्त नहीं 

    नागपुर.  सिटी के तालाब इन दिनों सुसाइड करने के लिए ज्यादा इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इनकी पर्याप्त सुरक्षा न होने और इनकी टूटीं दीवारें दुरुस्त न होने से ये आत्महत्या के लिए आसान जरिया बन गये हैं. ऐसे में तालाबों की पहचान आत्महत्या के लिए बनती जा रही है. तालाबों के कई हिस्से सुसाइड पॉइंट में तब्दील हो चुके हैं.

    चौंकाने वाली बात यह है लगातार सुसाइड केस सामने आने के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. बड़े तालाब के किनारे बनी बाउंड्री भी काफी छोटी हैं. ऐसे में लोग तालाब में आसानी से छलांग लगा लेते हैं.  

    आत्महत्या के मामले

    गांधी सागर: 250 से ज्यादा सुसाइड

    नागपुर मध्य में स्थित गांधी सागर तालाब आत्महत्या के मामले में सबसे आगे हैं. 2016 तक इस तालाब में 210 लोगों ने आत्महत्या की थी. उसके बाद अब तक यहां पर अनुमानत: कुल 250 लोग कूदकर जान गंवा चुके हैं. 

    फुटाला लेक: 50 से ज्यादा मरे

    सिटी के फुटाला तालाब में 2012 से लेकर अब तक 50 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की. 2016 तक के आंकड़े बताते हैं कि 41 लोगों ने फुटाला तालाब में कूदकर अपनी जान दी. यहां पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. 

    अंबाझरी तालाब : 100 से ज्यादा दी जान

    अंबाझरी तालाब में 2012 से लेकर अब तक 100 से ज्यादा से सुसाइड के मामले आ चुके हैं. अगस्त 2016 तक कुल 83 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके थे. उसके बाद भी आत्महत्या का सिलसिला जारी रहा है. 

    अन्य तालाबों में भी यही हाल

    सिटी के अन्य तालाबों में भी सुसाइड के मामले आते रहते हैं. सोनेगांव तालाब में अब तक 12 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है. ये सभी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं. नाईक तालाब में 10 और अन्य छोटे-मोटे और नहरों में भी छलांग लगाकर मरने वालों की संख्या 10 से ज्यादा है. अगस्त 2016 तक सक्करदरा तालाब में कुल 9 लोगों ने आत्महत्या की थी.  

    पिछले वर्ष 22 लोगों ने दी थी जान 

    पिछले वर्ष 2020 में 22 लोगों ने विभिन्न तरीकों से आत्महत्या की थी. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार इस वर्ष मई 2021 तक 6 लोगों ने आत्महत्या की. 12 जुलाई को भी फुटाला तालाब में कूदकर एक युवक ने आत्महत्या की थी. 

    पारिवारिक विवाद और प्रेम प्रसंग वजह

    पारिवारिक विवाद व आपसी नोकझोंक के कारण तनाव में आकर लोग इन दोनों नहरों में कूद जाते हैं. तीन से चार माह में करीब आधा दर्जन ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें तालाब में कूद कर आत्महत्या कर ली या प्रयास किया गया. प्रेम प्रसंग जैसे मामले भी कारण होते हैं. 

    निगरानी के लिए कोई नहीं

    पुलिस के जवान इन सुसाइड पॉइंट से नदारद रहते हैं. बड़े तालाब और छोटे तालाब की सुरक्षा के लिए भी कोई गार्ड नहीं है. पुलिस के जवान फुटाला तालाब में युवक की हत्या के बाद एक्टिव हुए. लगातार दूसरे दिन भी पुलिस के जवान फुटाला तालाब पर तैनात रहे. पेट्रोलिंग पार्टियां लगातार यहां गश्त करती हैं. फुटाला की जिम्मेदारी डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विद्यापीठ पर है लेकिन वहां की टूटी बाउंड्री नहीं बनायी जा सकी. सुरक्षा के लिए न तो नोटिस बोर्ड लगाया गया है और न ही वहां पर बैरिकेड्स लगाये गए हैं.