- स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में दिखा रहे एकजूटता
नागपुर. विधान परिषद के लिए नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र भले ही दशकों से भाजपा का गढ़ रहा हो, लेकिन प्रत्येक चुनाव में कांग्रेस की अपसी गुटबाजी ही उसके लिए हार कारण होने की चर्चा रही है. वर्तमान चुनाव के परिणाम भले ही कुछ भी हो, किंतु अब पहली बार कांग्रेस के नेता गंभीरता का परिचय देते दिखाई दे रहे हैं. सभी नेता एकजूटता से महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी एड. अभिजीत वंजारी के प्रचार में जुटे हुए है. रविवार को भी कुसुमताई वानखेडे सभागृह में हुई बैठक में इसी एकजूटता का प्रदर्शन कांग्रेसियों की ओर से दिखाई दिया. जिसमें सभी नेताओं ने प्रत्याशी को समर्थ और सक्षम करार देते हुए उन्हें बहुमतों से विजयी बनाने की अपील मतदाताओं से की. पालकमंत्री नितीन राऊत, पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार, विधायक राजू पारवे, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र मुलक, नाना गावंडे, किशोर गजभिए, विशाल मुत्तेमवार, अतुल लोंढे, गिरीश पांडव, गेव आवारी, सुरेश भोयर, बबनराव तायवाडे, प्रफुल्ल गुड्धे, हुकुमचंद आमधरे उपस्थित थे.
भारी संख्या में मतदाता पंजीयन
वर्धा जिला के पालकमंत्री एवं दुग्धविकास मंत्री केदार ने कहा कि वंजारी का शैक्षणिक क्षेत्र में बड़ा योगदान है. साथ ही लंबे समय से स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए प्रयासरत रहे हैं. यहीं कारण है कि मतदाता पंजीयन के लिए की गई मेहनत रंग लाई. जिसमें भारी संख्या में मतदाता पंजीयन हो पाया. यहां तक कि कार्यकर्ताओं ने भी काफी मेहनत ली है. पालकमंत्री नितिन राऊत ने कहा कि स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस इतिहास लिखने जा रही है. महाविकास आघाड़ी का प्रत्याशी विधान परिषद में भेजने की पूरी तैयारी हो चूकी है. स्नातक मतदाता होने से नीतियों के प्रति सजग है. जिससे निश्चित ही वंजारी को इस चुनाव में जीत हासिल होगी. वंजारी ने विधान परिषद में जाने के बाद छात्र, शिक्षक और प्राध्यापकों की समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया. नेताओं द्वारा जताए गए विश्वास की कसौटी पर खरा उतरने का दावा भी उन्होंने किया.
संदीप ने भी ठोंकी ताल
महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी को जीताने के लिए भले ही कांग्रेसी नेता आपसी मतभेद भुलकर एकजूट हुए हो, लेकिन संगठन की मजबूती और लंबे समय से इस चुनाव का अनुभव रखनेवाली भाजपा तथा उसके प्रत्याशी संदीप जोशी ने भी ताल ठोंकी है. संगठन के माध्यम से ही मतदाताओं तक पहुंचकर विरोधी प्रत्याशी को लोहा मनवाने की कोशिश की जा रही है. तमाम बड़े नेताओं से मिलकर आशीर्वाद लिया जा रहा है. जानकारों के अनुसार वैसे तो स्नातक चुनाव भाजपा के लिए कोई परेशानी वाला दिखाई नहीं दे रहा है, किंतु नए सीरे से हुए मतदाता पंजीयन के कारण फिलहास कोई भी कयास लगाना उचित नहीं है.