साजिशन किया गया कचरा घोटाला

  • उपायुक्त दासरवार को पदमुक्त कर जांच की मांग

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नागपुर. शिवसेना शहर समन्वयक नितिन तिवारी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मेयर संदीप जोशी और अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी से मुलाकात कर मनपा स्वास्थ्य अधिकारी व उपायुक्त घनकचरा प्रदीप दासरवार को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर उनकी नियुक्ति व कचरा घोटाले की जांच की मांग की है. तिवारी ने कहा कि कोरोना के समय में नागपुर जैसे महानगर में ऐसे स्वास्थ्य अधिकारी के पास प्रभार है जिसके पास नियमानुसार शैक्षणिक पात्रता नहीं है.

महाराष्ट्र शासन के नियमानुसार मनपा में नियुक्त स्वास्थ्य अधिकारी एमबीबीएस, डीपीएच, एमडी होना चाहिए, परंतु सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान स्वास्थ्य अधिकारी की शैक्षणिक पात्रता एसएससी, डीएचएमएस मात्र है जो कि अयोग्य है. साथ ही दासरवार के पास उपायुक्त घनकचरा का अतिरिक्त प्रभार है जो कि महाराष्ट्र शासन के परिपत्रक दिनांक ५/९/२०१८ का उल्लघंन है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित मनपा में दासरवार जैसे अयोग्य अधिकारी को जानबूझकर तैनात कर कचरा घोटाले को अंजाम दिया गया है. शिवसेना द्वारा बीवीजी कम्पनी का कचरा मिट्टी घोटाला उजागर किया गया और मनपा आयुक्त तुकाराम मुंडे से प्रदीप दासरवार व डम्पिंग नियंत्रण अधिकारी राठौड़ की भी जांच की मांग की गई थी.

दोषी ने ही की जांच, दे दी क्लीन चिट
तिवारी ने बताया कि मामले के दोषी अधिकारी दासरवार ने खुद ही जांच अधिकारी के रूप में संबंधित कचरे घोटाले की जांच कर बिना तथ्यों के ही बीवीजी को प्रेस नोट जाहिर कर क्लीन चिट दे दी, जबकि बीवीजी के पार्किंग में खोदे हुए गड्ढे की तहसीलदार के पंचनामा अनुसार, पुनः ड्रोन द्वारा वास्तविकता की जांच करानी चाहिए थी. मामला राजस्व चोरी, बिना रॉयल्टी मिट्टी खुदाई का था. ऐसे ही बिना तथ्यों कि जांच-पड़ताल किए कम्पनी की तरफ से एकतरफा फैसला दासरवार द्वारा लिया गया. कचरे में मिट्टी मिलाने के वीडियो व फोटोग्राफ रूपी सबूत अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी को देने के बावजूद इस पर पर्दा डालकर लीपापोती की गई.

4 टन की गाड़ी में 12 टन कचरा
तिवारी ने आरोप लगाया कि कचरे के वाहन की क्षमता ४ टन है तो उसमें १२ टन कचरा कहां से लाया. कचरा में ऐसा कौनसा पदार्थ मिलाया गया कि उसका वजन ४ टन से बढ़कर १०-१२ टन हो गया. मनपा के जगह की मिट्टी चोरी होने पर मामला पुलिस में क्यों दर्ज नहीं कराया गया. कम्पनी के वाहनों का जीपीएस रिकॉर्ड चेक क्यों नहीं किया गया. अर्थात इस पूरे कचरा भ्रष्टाचार में दासरवार की सक्रिय भूमिका व मिलीभगत है. शिष्टमंडल ने तत्काल दासरवार को पदमुक्त कर मामले की जांच की मांग की. अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने मामले की खुद जांच करने का आश्वासन दिया. इस दौरान मुन्ना तिवारी, अक्षय मेश्राम, अब्बास अली, आशीष हाडगे, अभिषेक धुर्वे, निशा मुंडे उपस्थित थे.