Collector Ravidra Thakre

  • कलेक्टर ठाकरे का दावा

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नागपुर. जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे मानते हैं कि कोरोना नियंत्रण उपाय योजना के दौरान प्रशासन को कई तरह के अनुभव मिले हैं. खामियों के बारे में भी पता चल गया. यही वजह है कि संभावना के मुताबिक अब यदि जिले में कोरोना की ‘सेकेंड वेव’ आती भी है तो निपटने की तैयारी पूरी है. अब खुद को बचाते हुए अपना काम करने का वक्त आ गया है.

पत्रकारों से साथ चर्चा में ठाकरे ने बताया कि कोरोना काल के शुरूआत में लोगों के मन में भय और भ्रम था. क्वारंटाइन के डर से लोग सामने नहीं आ रहे थे. लेकिन अब जनजागृति के साथ ही प्रशासनिक तैयारी भी पूरी हो गई है. कई तरह की खामियों का सामना करना पड़ा है. तमाम तरह के अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि अब दिसंबर में कोरोना लौट कर भी आया तो प्रशासन मुस्तैद रहेगा. हालांकि इस तरह की नौबत आने की संभावना ही कम है. यदि हुआ तो भी इसकी तीव्रता कम होगी. जिले में सभी स्तर के अधिकारियों से दैनिक रिपोर्ट पर चर्चा की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. 

सभी स्तर पर किया जा रहा कार्य 

‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’ मुहिम के तहत विभागीय आयुक्त के मार्गदर्शन में चार महीने से निरंतर सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. महामारी पर नियंत्रण के लिए अधिकाधिक लोगों का सहभाग आवश्यक है. लोगों को खुद होकर अपनी जांच करना चाहिए. जांच होने से अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है. हर तहसील में स्वास्थय अधिकारी, नियंत्रण अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नियंत्रण कक्ष, जिला टास्क फोर्स के डाक्टरों के संपर्क किया जा सकता है.

मरीजों व परिजनों को जानकारी देने के लिए विवि के जनसंवाद विभाग ने भी सहयोग किया. विभाग प्रमुख मोइज हक ने बताया कि छात्रों की मदद से मेयो और मेडिकल में पोस्टर के माध्यम से परिजनों को जागृत किया गया. परिजनों को योग्य जानकारी मिलने से डाक्टर और नर्स को भी अपना काम करने में मदद मिल सकी. मेडिकल के वैद्यकीय अधीक्षक डा अविनाश गावंडे ने बताया कि बीमारी पर नियंत्रण के लिए लोगों का सहयोग आवश्यक है. जिप सीईओ योगेश कुंभेजकर ने भी जानकारी दी. इस दौरान जिलाधिकारी ने पत्रकारों से भी सुझाव मांगें.