Nagpur Corona Update

  • 1,191 को मिली छुट्टी
  • 80 प्रश रिकवरी रेट
  • 4,604 लोगों की जांच

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नागपुर. कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. तमाम तरह के उपायों के बाद भी वायरस तेजी से फैल रहा है. हालात बिगड़ते ही जा रहे है. पिछले चौबीस घंटे के भीतर 54 लोगों की जान चली गई. जिस तरह पिछले वर्ष स्थिति बनी थी, बिल्कुल वहीं हालात अब बन गये हैं. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने से डॉक्टरों सहित स्टॉफ पर प्रेशर बढ़ गया है. डॉक्टरों की माने तो अगले कुछ दिनों तक जिले में यही स्थिति बनी रहेगी.

यही वजह है कि सावधानी बरतने और नियमों का पालन करने का अपील की गई है. एक ओर जहां गर्मी का सितम बढ़ने लगा है वहीं, दूसरी ओर कोरोना का आतंक लोगों को डराने लगा है. प्राइवेट अस्पतालों में मरीज बढ़ने से बिना कोविड वाले मरीजों के उपचार में दिक्कतें आ रही है. डॉक्टरों सहित समूचा स्टाफ कोरोना मरीजों के इलाज में लगा हुआ है. वहीं, कई जगह तो लापरवाही भी बढ़ने लगी हैं. अधिक बिल वसूलने और मरीजों का योग्य तरीके से इलाज नहीं होने जैसी शिकायतें मिलने लगी है.

होली की वजह से टेस्टिंग कम 

होली का त्योहार होने के कारण रविवार और सोमवार को टेस्टिंग कम हुई. केवल उन्हीं लोगों के टेस्ट किये गये जो अस्पतालों में भर्ती होने आये थे. साथ ही पॉजिटिव के संपर्क में आने वालों की जांच की गई. यही वजह रही कि जिले में 4,604 लोगों की जांच की गई. इसमें 1,156 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके साथ ही अब तक जिले में कुल पॉजटिव मरीजों की संख्या 22,3,153 हो गई है. वहीं,  54 लोगों की मौत हो गई. इनमें सिटी के 31 और ग्रामीण के 20 मरीजों का समावेश रहा. अब तक जिले में 5,040 लोग कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं. इस बीच 1,191 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी गई. अब तक कुल 17,9,904 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. लेकिन मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण रिकवरी रेट 80.62 फीसदी पर ही अटका हुआ है.

नया स्ट्रेन कई गुना तेज 

डॉक्टरों का कहना है कि नया स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है. एक बार पॉजिटिव आने के बाद यदि समय पर उपचार नहीं किया गया तो स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता है. होम आइसोलेशन में रहने वालों को नियमित रूप से जांच कराना चाहिए. संक्रमण इतनी तेजी से फैलता है कि मरीजों को आईसीयू में भर्ती कराने के अलावा कोई पर्याय नहीं होता. साथ ही इस स्ट्रेन के बीमार मरीजों को ऑक्सीजन भी अधिक मात्रा में लग रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमित होने के बाद बीमारी को हल्के में लेना नुकसानदायक हो सकता है. यही वजह है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह आवश्यक हो गई है.