Pakistan issues new travel advisory amid rising corona cases

Loading

नागपुर. कोरोना को लेकर सरकारी अस्पतालों की स्थिति और उपचार के दौरान दी जानेवाली दवाओं की कमी को लेकर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सतुजा की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य में दवाओं की कमी क्यों है?. इसका जवाब दायर करने के आदेश सरकार को दिए. साथ ही अदालत ने सेंट्रल ड्रग्ज स्टैन्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन, मनपा आयुक्त, विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, आईसीएमआर, मेडिकल और मेयो के डीन को भी अगली सुनवाई के दौरान अपना पक्ष स्पष्ट करने के आदेश भी दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. श्रीरंग भांडारकर ने पैरवी की.

सरकारी अस्पतालों में उपयुक्त उपचार नहीं
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. भांडारकर ने कहा कि राज्य के हर क्षेत्र में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिससे हर जगह रेडिसिवियर और कोरोना के उपचार के दौरान उपयोग में लाई जानेवाली दवाओं की कमी देखी जा रही है. विदर्भ के मरीजों को कोरोना के उपचार की इन दवाओं की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हाल ही में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सुनील मिश्रा और वकील शशिकांत बोरकर की कोरोना के चलते मृत्यु हुई. उन्हें भी समय पर आवश्यक दवाएं नहीं मिल पाई थी. इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में उपयुक्त उपचार नहीं हो रहा है. याचिका में बताया गया कि कोरोना जांच सेंटर पर मार्गदर्शक सूचनाओं का पालन नहीं किया जा रहा है. लक्षण और बिना लक्षणवाले व्यक्तियों को एकसाथ कतार में खडा किया जा रहा है. यहां तक कि कोरोना टेस्ट में भी सटिकता नहीं है. 

दुर्बल घटक सर्वाधिक प्रभावित
याचिका में बताया गया कि कोरोना मरीजों के लिए सर्वसुविधायुक्त वार्ड नहीं है. फलस्वरूप विशेष  रूप से दुर्बल घटक मरीजों को उपचार की सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है. मजबूरन जहां उपचार मिले, वहां से इलाज करने की नौबत आ गई है. जबकि गरीब वर्ग के मरीज निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भारी कीमत नहीं चूका सकते हैं. इस संदर्भ में सरकार की ओर से गंभीरता से ध्यान देना आवश्यक है. उपचार की गुणवत्ता बढाने के लिए समिति स्थापित करने की मांग भी उन्होंने की. कोरोना मरीजों से भारी शुल्क वसूलने वाले निजी अस्पतालों पर अबतक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट और विदर्भ में  उपलब्ध कोरोना दवाओं की जानकारी प्रेषित करने के आदेश प्रतिवादियों को देने की मांग भी याचिका में की गई.