NMC

    Loading

    नागपुर. मनपा में अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव और अब तक मनपा की कंगाली के कारण लगातार बढ़ती समस्याओं को लेकर अब अलग-अलग दलों के पार्षद भी एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं. यही कारण है कि कई तरह की समस्याओं को लेकर बहुजन समाज पार्टी के सभी पार्षदों द्वारा महापौर कक्ष के सामने ही दिनभर धरना दिया गया. इसी तरह धरनास्थल पर विपक्षी नेता तानाजी वनवे ने भी हाजिरी लगाई.

    इसके अलावा कांग्रेस के कुछ अन्य पार्षदों ने भी बसपा के प्रदर्शन का समर्थन किया. बसपा के गुट नेता जितेन्द्र घोडेस्वार ने कहा कि लगातार 5 वर्षों से बसपा के पार्षदों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. यहां तक कि बहुजन समाज के कई प्रकल्पों को नजरअंदाज किया जा रहा है जिसके चलते कोई भी प्रकल्प साकार नहीं हो पाया है. प्रशासन और सत्तापक्ष का ध्यानाकर्षित करने के लिए ही इस तरह का कदम उठाया गया है. 

    29 वर्षों से लंबित स्मारक का प्रस्ताव

    घोडेस्वार ने कहा कि गत 15 वर्षों से मनपा में भाजपा की सत्ता है. बहुजनों से न्याय करने का ढिंढोरा भाजपा की ओर से पीटा जाता है लेकिन आलम यह है कि वास्तविक रूप में बहुजन समाज के लिए इन 15 वर्षों में मनपा की ओर से कुछ भी नहीं किया गया है.

    यही कारण है कि 29 वर्षों पूर्व यशवंत स्टेडियम पर डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर स्मारक बनाने के लिए एकमत से मनपा की सभा में प्रस्ताव तो पारित किया गया किंतु आज भी यह प्रस्ताव केवल कागजों तक ही सीमित है. इसके विपरीत अंबाझरी उद्यान में स्थित डॉ. आम्बेडकर सभागृह को तोड़ दिया गया है. इस सांस्कृतिक केंद्र का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए. मेडिकल चौक पर प्रस्तावित जगह पर राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज की पूर्णाकृति प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए. 

    सेंट्रल जेल के पास मेट्रो स्टेशन को दें दीक्षाभूमि का नाम

    घोडेस्वार ने कहा कि वर्धा रोड पर सेंट्रल जेल के पास के स्टेशन को दीक्षाभूमि स्टेशन नाम दिया जाना चाहिए. यह एक ऐतिहासिक स्थल है जहां पूरे विश्व भर से लोग आते हैं जिससे इस स्टेशन को यही नाम देना तर्कसंगत होगा. दिनभर चले प्रदर्शन और धरना के बाद महापौर दयाशंकर तिवारी ने बसपा शिष्टमंडल से भेंट की. मांगों पर सकारात्मक निर्णय करने का आश्वासन दिया.

    इस दौरान विपक्ष नेता तानाजी वनवे और कांग्रेस के पार्षद मनोज सांगोले ने भी हाजिरी लगाई. धरना प्रदर्शन में नागोराव जयकर, उत्तम शेवडे, नितिन शिंगाडे, विजय डहाट, विलास सोमकुंवर, राजीव भांगे, योगेश लांजेवार, राजू चांदेकर, सदानंद जामगडे, प्रवीण पाटिल, सुरेन्द्र डोंगरे, आदाब खान, प्रणय मेश्राम, सुबोध गणवीर, सतीश पानेकर, सुबोध साखरे, परेश जामगडे आदि शामिल थे.