Mayor Sandeep Joshi

  • नहीं मानने वालों का लाइसेंस रद्द करें : मेयर

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नागपुर. सिटी में बढ़ते कोरोना के मरीजों को देखते हुए सरकारी अस्पतालों के साथ ही 61 निजी अस्पतालों में कोविड-19 उपचार की अनुमति दी गई है. लेकिन अब इतने अस्पतालों में भी बेड की कमी पड़ रही है. मरीजों को भटकना पड़ रहा है. मेयर संदीप जोशी ने अब सिटी के 637 निजी अस्पतालों में कोविड का उपचार शुरू करने का निर्देश दिया है.

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई अस्पताल इंकार करता है तो उसका लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई करें. उन्होंने विदर्भ हास्पिटल एसोसिएशन के पदाधिकारियओं के साथ बैठक ली जिसमें स्टैंडिंग चेयरमेन पिंटू झलके, अतिरिक्त आयुक्त जलज शर्मा, वैद्यकीय स्वास्थ अधिकारी डॉ. चिलकर, टाटा ट्रस्ट के टिकेश बिसेन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अर्चना कोठारी, विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएशन उपाध्यक्ष डॉ.प्रमोद गिरी, उपाध्यक्ष डॉ. मुक्केवार, कन्वेनर डॉ. अनूप मरार उपस्थित थे. मेयर ने कहा कि सिटी में 637 पंजीकृत नजी अस्पताल हैं. प्रत्येक अस्पताल में कम से कम 5 बेड कोविड के लिए आरक्षित किया गया तो बड़ी सुविधा हो जाएगी.

बेड्स नहीं तो स्टाफ दें
मेयर ने कहा कि अग कोई हास्पिटल बेड्स देने में सक्षम नहीं हैं तो वे मनपा को वैद्यकीय स्टाफ दे. उन्होंने कहा कि मनपा के पास आज 200 बेड्स तैयार है लेकिन स्टाफ नहीं होने से वहां सेवा देना संभव नहीं है. अगर निजी अस्पताल सहयोग करें तो मनपा सहित इंदिरा गांधी हास्पिटल में और 300 बेड, मेडिकल में 100 बेड्स उपलब्ध हो सकता है. अगर किसी अस्पताल ने महामारी के काल में मनपा को नोटिस को दुर्लक्ष किया तो ठउस पर कार्रवाई की जाएगी.

बिल की जांच के लिए ‘प्री ऑडिट कमेटी’
निजी अस्पतालों में मरीजों से लाखों का बिल वसूल किया जा रहा है. ऐसे बिलों की जांच के लिए राज्य सरकार ने ‘प्री ऑडिट कमेटी’ गठित की है. निर्देश के अनुसार मनपा ने समिति का गठन किया है. समिति निजी अस्पतालों से छुट्टी होने वाले मरीजों के बिल की जांच करेगी. अगर मनपा द्वारा निर्धारित दरों से अधिक का बिल वसूला गया तो कानूनन कार्रवाई की जाएगी. यह जानकारी एडिशनल कमिश्नर जलज शर्मा ने बैठक में दी.