Nagpur Jail

  • पहले ही दिन 37 कैदी हुए दाखिल

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नागपुर. कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जेल प्रशासन युध्द स्तर पर कार्य में जुट गया है. प्रशासन ने जेल के भीतर ही कोविड केयर सेंटर बना दिया है. रविवार से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. जेल की 3 बैरेक को अस्पताल का रूप दे दिया गया है और पहले ही दिन यहां 34 कैदियों को दाखिल करवाया गया है. इनमें से 7 कैदियों में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे और उन्हें मेडिकल और मेयो अस्पताल के डाक्टर उपचार दे रहे है. जेल अधिकारी ने बताया कि 3 बैरेक को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया है. हर बैरेक में 50 मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई है. मतलब एक साथ 150 कैदियों पर निगरानी और प्राथमिक उपचार किया जा सकता है.

1 सप्ताह में 100 से ज्यादा शिकार
27 जून को जेल का ही एक कर्मचारी पॉजीटिव पाया गया. 1 सप्ताह के भीतर मरीजों की संख्या 103 हो गई. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि जेल में यह वायरस कितनी तेजी से फैला है. इसका संक्रमण और न फैले इसीलिए संदिग्ध मरीजों को इन 3 बैरेक में रखा जा रहा है. जेल प्रशासन ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर जेल के भीतर चिकित्सा व्यवस्था करने की मांग की थी. जेल के डाक्टरों के अलावा मेडिकल और मेयो अस्पताल के डाक्टर यहां उपचार देने आ रहे है. सिविल सर्जन ने भी जेल में की गई व्यवस्था का जायजा लिया है. स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए नया डायट प्लान भी तैयार किया है. जिससे कैदियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. डाक्टरों द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार डायट तैयार किया गया है. यदि किसी को भी बुखार या सांस लेने में परेशानी होती है उसे तुरंत क्वारंटाइन कर दिया जाता है. 

770 को पैरोल पर छोड़ा 
इसके अलावा भी कैदियों की सामान्य स्वास्थ जांच की जा रही है, जिससे लक्षणों का पता लगाया जा सके. जेल के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है और सभी कैदियों को मास्क पहनने के सख्त निर्देश दिए गए है. अब तक 41 कैदी और 62 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके है. जेल की 20 बैरेक में 1783 कैदियों को रखा गया है. जेल से करीब 770 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा चुका है. बार-बार कोई अंदर-बाहर न जा सके इसके लिए कर्मचारियों को पूरे 15 दिन जेल के भीतर ही तैनात रखा गया है. जेल में की गई व्यवस्था के चलते 3 महीने तक एक भी व्यक्ति पॉजीटिव नहीं हुआ. केवल एक कर्मचारी के पॉजीटिव होने से अब 100 से ज्यादा लोग शिकार हो चुके है. बाहर से आने वाले कैदियों के लिए पहले की तरह जेल के मंगलमूर्ति लॉन और स्कूल में व्यवस्था की गई है.