NCP leader Nawab Malik raised questions on Anil Deshmukh's arrest, said - Arrest is politically motivated, its purpose is to defame Maharashtra government
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नागपुर. पूरी दुनिया में जीएम सीड्स का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है, जबकि भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. कपास के एचटीबीटी बीज का उपयोग महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों के किसान कर रहे हैं. यह बीज गुलाबी बोंडइल्ली प्रतिबंधक है और उत्पादन खर्च भी कम है इसलिए राज्य में चोरी छिपे किसान इसका उपयोग करते हैं. ऐसे किसानों पर मामला दर्ज किया जाता है. शेतकरी संगठन ने जीएम एवं एचटीबीटी बीजों के उपयोग की अनुमति देने की मांग कृषि मंत्री दादा भुसे और गृह मंत्री अनिल देशमुख से की है.

जिलाधिकारी कार्यालय में संगठन के राम नेवले के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल मिला और उक्त मांग की. साउथ एशिया बायोटेक के अध्यक्ष तथा कृषि वैज्ञानिक चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष डा. सीडी मायी ने कृषि व गृह मंत्री को बीजों की जीएम तकनीक के संदर्भ में विस्तार से जानकारी भी दी. उन्होंने कहा कि कपास, तेलबिया, दाल आदि के उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए बीजों को अनुमति देने की जरूरत है. 

किसानों से हो रही धोखाधड़ी
नेवले ने कहा कि पूर्व विधायक वामनराव चटप व केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने एचटीबीटी अर्थात जीएम बीज मानव के स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए घातक नहीं है, यह लोकसभा में स्पष्ट किया था. पूर्व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर का भी यही मत था. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार बीजों के ट्रायल करने की अनुमति देकर किसानों को उपलब्ध कराए. जीएम बीजों को अनुमति नहीं होने के कारण ही बोगस बीज बाजार में लाया जाता है किसानों के साथ धोखाधड़ी की जाती है. चर्चा के दौरान सतीश दाणी, विजय निवल, मधुसूदन हरणे उपस्थित थे. कृषि मंत्री ने सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया.