Electricity bill also increased due to online payment, loss to consumers due to department's mistake
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नागपुर. बिजली बिल को लेकर पिछले कई दिनों आरेंज सिटी के नागरिकों में हंगामा मचा हुआ है. 3 माह का बिजली बिल इकठ्ठा दिये जाने से आम नागरिकों पर आर्थिक दबाव बढता जा रहा है. एक साथ हजारों रुपये का बिल भेजने पर जनता प्रशासन के विरोध में सड़कों पर उतर रही है. इसी बिच बिजली बिल का ऑनलाइन पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं को भी विभाग की गलती से भारी नुकसार हो रहा है. पिछले 3 माह औसतन बिजली बिल का ऑनलाइन भूगतान करने के बाद भी प्रशासन द्वारा 3 महीने का बिल जोड़कर भेज दिया गया है. विभाग की इस लापरवाही से ग्राहकों को भारी नुकसान हो रहा है. 

भूगतान के बाद भी कम नहीं हुआ बिल
ऑनलाइन बिल पेमेंट करने वाले एक ग्राहक का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल के दौरान घर से बाहर नहीं निकलते हुए बिल का भुगतान ऑनलाइन किया. उन्होंने बताया कि मार्च महीने में उन्हें 40 यूनिट का औसतन बिल 340 रुपये आया जिसका भूगतान उन्होंने ऑनलाइन कर दिया. इसके बाद उन्हें अप्रैल में 60 यूनिट का 240 रुपये और मई माह में 60 यूनिट का 470 रुपये बिल आया. पिछले तीन माह से आने वाला बिजली बिल ऑनलाइन भरने के बाद भी मार्च माह की रिडिंग को बेस बनाते हुए एक साथ 3 माह का बिल भेज दिया गया है. नियमित तौर पर ऑनलाइन पेमेंट करने के बावजूद जून महीने के बिल में मार्च, अप्रैल और मई के रिडिंग को जोड़ा गया है. ऐसा करने पर भूगतान का स्लैब बढ गया है. रिडिंग बढ जाने के कारण ग्राहकों पर अतिरिक्त दबाव पड रहा है. बता दें की महावितरण द्वारा जारी किये गए स्लैब के अनुसार बिल की राशि निर्धारित की जाती है. 

रिडिंग के कारण बढा स्लैब
ग्राहक की शिकायत है कि मार्च, अप्रैल और मई का बिल भरने के बाद भी. जून माह में आए बिल में से ऑनलाइन पेड की गई औसतन बिल की राशि को नहीं काटा गया है. इसके अलावा अप्रैल और मई माह की रिडिंग 60-60 यूनिट होने के बाद भी पहले माह 245 रुपये और दूसरे माह 470 रुपये का बिल आया. गौर करने की बात यह है कि जब दोनों माह की रिडिंग एक समान है तो बिल की राशि में फरक कैसा. भले ही ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने किस्तों में बिल भरने की सुविधा दी हो लेकिन एक साथ 3 महीने की बढती रिडिंग के कारण बिल का स्लैब भी बढ गया है. इसमें किसी भी प्रकार के राहत की अब तक कोई घोषणा नहीं की गई है. 

बुजूर्गों पर बिल भरने की जिम्मेदारी
हर घर में बिजली बिल भरने की जिम्मेदारी घर के बुजूर्गों पर होती है. प्रशासन की लापरवाही के कारण उन्हें बढे हुए बिल को कम करने के लिए हर दिन घंटों तक बिजली कार्यालय में खड़े रहना पडता है. कार्यालय में जाकर अपनी परेशानी बताने पर कोई अधिकारी सिधे मुह बात नहीं करता है. ऐसे में बुजूर्ग नागरिक अपनी समस्या लेकर जाए तो  जाए कहां. 73 वर्षीय एक वृद्धा ने बताया कि उनके बेटे-बेटी विदेश में रहते है. कोरोना से बचने के लिए उन्होंने अपने आप को घर में कैद कर लिया है. इस दौरान उन्होंने बिजली बिल का ऑनलाइन पेमेंट किया है. बावजूद उनका बिल बढकर आया. ऐसे कई नागरिक है जिन्हें इस प्रकार की समस्या से जूंझना पड रहा है. एक ओर कोरोना का डर वहीं दूसरी ओर बिजली बिल के झटके से आम नागरिकों पर भूख मरी की नौबत आ गई है.