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नागपुर. वर्धा रोड स्थित साई मंदीर परिसर में एक अरसे से अतिक्रमण कर बैठे दूकानों दूकानों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने के लिए श्री साईबाबा सेवा मंडल की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने महानगरपालिका आयुक्त, लक्ष्मीनगर जोन के सहायक आयुक्त, नागपुर सुधार प्रन्यास के सभापती और मंदीर परिसर के अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस भेज तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिये. मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुनील शुक्रे और श्रीराम मोडक के समक्ष हुई.

9 दूकानदारों ने किया कब्जा
बता दें कि श्री साईबाबा मंडल ने यह 10,894 वर्ग फूट जमीन(खसरा क्रमांक 21/4) 31 दिसंबर 1974 को पी.के. बॅनर्जी 35,000 रुपये में और शिवाणी बॅनर्जी से 4500 चौरस फूट जमीन (खसरा क्रमांक 43/6)93,500 रुपये में खरीदी की. यह दोनों जमीन विवेकानंदनगर की है. इस जमीन पर 9 लोगों ने अतिक्रमण कर अवैध रूप से दूकानों का निर्माण किया हुआ है. 19 मार्च 1999 को नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा अवैध रूप से बांधकाम करने पर अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस भेजा. इसके बाद आरोपियों ने दिवाणी न्यायालय जमीन उनकी होने का दावा किया लेकिन सुनवाई के दौरान वे जमीन मालकी साबित नहीं कर पाए. इसलिए उन्हें जमीन पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है. 

पार्किंग की बड़ी समस्या
1 जनवरी 2020 में मनपा ने सभी अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस भेज जमीन खाली करने के निर्देश दिये थे लेकिन उसके बाद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. वर्तमान में अतिक्रमण की तो की तो स्थिति है. मंडल का कहना है कि हर गुरुवार को मंदीर में साईबाबा के दर्शन के लिए करीब 50,000 से अधिक श्रद्धालु आते है. ऐसे में अतिक्रमण के कारण नागरिकों को पार्किंग की समस्या का सामना करना पडता है. अतिक्रमण के कारण पार्किंग की व्यवस्था करना संभव नहीं है. मंडल की ओर से अधि. तुषार मंडलेकर और मनपा की ओर से अधि. जेमिनी कासट ने पैरवी की.