Students
File Photo

  • सीटों की तुलना में सीईटी में 10000 अधिक छात्र हुये शामिल
  • 17136 सीटें
  • 27275 छात्रों ने दी सीईटी

Loading

नागपुर. कोरोना संकट के कारण इस बार इंजीनियरिंग की प्रवेश प्रक्रिया लेट हो गई है. मंगलवार तक अलग-अलग चरणों में सीईटी ली गई. अब परिणाम के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. इस बार विभाग के कालेजों में प्रवेश की अच्छी हालत रहने की उम्मीद की जा रही है. इसकी वजह छात्रों की संख्या में वृद्धी मानी जा रही है. विभाग के ४४ अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में 17136 सीटों के लिए 27275 छात्रों ने राज्य सामायिक प्रवेशपूर्व परीक्षा(एमएचटी-सीईटी) दी है. यही वजह है कि कोरोना काल में कालेजों में ज्यादा सीटें खाली रहने की उम्मीद कम ही है.

पिछले कुछ वर्षों में विदर्भ के इंजीनियरिंग सहित पालिटेक्नीक व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पूरी सीटें नहीं भर पा रही है. लेकिन इस बार स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है. विभाग की कुल सीटों की तुलना में 10000 अधिक छात्रों ने सीईटी दी है. यदि इसमें से फार्मेसी सहित बीएससी में कुछ छात्रों ने प्रवेश लिया तो भी इंजीनियरिंग के लिए पर्याप्त सीटें बचती है. हर बार विदर्भ के छात्र पुणे, मुंबई के कालेजों को प्राथमिकता देते थे, लेकिन कोरोना की वजह से अब छात्र अपने क्षेत्र में ही प्रवेश लेने में रुचि दिखाएगे. पालक भी नहीं चाहेगे तो उनके बच्चे फिर से किसी मुसीबत में पड़े. इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए कालेजों के चेहरे खीले नजर आ रहे हैं.

दस्तावेज जमा कर बुकिंग भी कर दी

कोरोना के कारण सीईटी देरी से हुई है. लेकिन अनेक कालेजों के 12वीं का परिणाम जारी होने के बाद से प्रवेश के इच्छुक छात्रों के दस्तावेज जमा करना शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं कई कालेजों ने तो 2-3 महीने पहले से ही बुकिंग भी कर ली है. अब सीईटी में उत्तीर्ण होने के बाद इन छात्रों को आप्शन फार्म में संबंधित कालेज का नाम भरना होगा. स्टेट के इंजीनियरिंग कालेजों में 15 फीसदी सीटें जेईई देने वाले छात्रों के लिए आरक्षित रखी जाती है. वे छात्र जो आईआईटी व समकक्ष संस्थाओं में प्रवेश की उम्मीद लगाए थे और उन्हें अवसर नहीं मिल पाया. उन छात्रों को भी प्रवेश मिल सकेगा. 

नागपुर विभाग के नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गडचिरोली और वर्धा इन 6 जिलों के 44 महाविद्यालयों में 17136 सीटें उपलब्ध है. जबकि इस बार विभाग के 27275 छात्रों ने सीईटी दी है. यही वजह है कि इस बार प्रवेश की स्थिति ठीकठाक रहने की संभावना है. 

-डॉ. राम निबुदे, विभागीय सहसंचालक, तकनीकी शिक्षा विभाग .

कुल सीटों की स्थिति 

प्रबंधन स्तर पर आरक्षित सीटें -3427

अल्पसंख्यंक कोटा -3336

कैप राउंड-10,373

कुल सीटें – 17,136