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  • लंबे समय तक लोग कर रहे अपनी बारी का इंतजार
  • घंटो खड़े रहने के बाद कइयों को लौटना पड़ता है बैरंग

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नागपुर. शहर अनलॉक होने के बाद भी बैंकों के बाहर अप्रैल और मई जैसी लंबी कतार अभी भी नजर आ रही है. स्थिति यह बन रही है कि अभी भी रुपए निकालने के लिए बैंकों में आने वाले उपभोक्ताओं की कतार बैंक परिसर से बाहर सड़क तक पहुंच रही है. कई तो घंटों खड़े रहने के बाद भी उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है. इस चक्कर में उपभोक्ताओं में बैंक की कार्यप्रणाली पर गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अभी भी बैंकों में लॉकडाउन जैसे ही हालत बनाकर रखे गये हैं.

अंदर जाने वाले 4 से 5 ग्राहकों को ही इतना समय लग जाता है कि बाकी बाहर खड़े रहने वाले 30 से 40 ग्राहक परेशान हो जाते हैं. कई बार ग्राहकों को सर्वर की लिंक होने का बहाना बनाकर घंटों तक खड़ा रखा जाता है. वहीं जब सर्वर की लिंक आती है और ग्राहक अंदर जाना शुरू करते हैं तो लंच का समय हो जाता है. लंच भी एक घंटे तक चलता है, जिससे कतार में खड़े उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं. लंच के बाद भी मुश्किल से ही 8 से 10 ग्राहकों का ही काम हो पाता है और बाकियों को ऐसे ही खाली हाथ लौटना पड़ता है.

नहीं हो पाते छोटे-छोटे काम

शहर की एक दो नहीं हर बैक के बाहर लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. उपभोक्ताओं को छोटे-छोटे कामों के लिए भी घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. बाहर इतनी अधिक भीड़ जमा होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी तरह से धज्जियां उड़ जाती हैं. भीड़ में कई लोग मास्क नहीं लगाने से बाकी लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई बैंकों के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गार्ड भी नजर नहीं आते. ऐसे इसमें कोरोना का प्रकोप बढ़ने का और अधिक खतरा बढ़ते जा रहा है. जिस तरह आज हर चीज सामान्य होती जा रही है, वैसे ही बैंकों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपने बैंकों के सामने से सड़कों तक पहुंचने वाली भीड़ के लिए सुविधा की जानी चाहिए. 

खुलने से पहले ही लग जाती है लाइन

अपनी बारी के लिए लोग बैंक खुलने से पहले ही पहुंच जाते हैं, जिसके चलते बैंक खुलते-खुलते कतार बहुत लंबी हो जाती है. बैंकों के बाहर किसी तरह की सुविधा नहीं होने से लोगों को तपती धूप के कारण बहुत ही अधिक तकलीफों का सामना करना पड़ता है. इस कतार में युवा से लेकर पेंशन लेने के लिए आने वाले कई बुजुर्ग तक अपनी बारी का इंतजार करते देखे जा सकते हैं. एक महिला ग्राहक ने बताया कि वह पिछले 2 दिनों से बैंक के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन नंबर का इंतजार करते-करते लंच हो जाता है, लेकिन कोई लाभ नहीं हो पाता.