File Photo
File Photo

  • बीच शहर में भी जगह है खूब

Loading

नागपुर. शहर में गली-मोहल्ले से लेकर मुख्य मार्गों-चौराहों तक आप जहां कहीं जाएं, रुकने से पहले सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि गाड़ी खड़ी कहां करें? दूकानों, अस्पताल आदि के सामने तो दोपहिया खड़ी करने के लिए जगह नहीं मिलती. स्मार्ट सिटी बनने की ओर उठे कदम में पार्किंग की अहम सुविधा को उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देना वक्त की जरूरत है. आरेंज सिटी में इस समस्या से निजात मिल सकती है लेकिन संबंधित अथारिटी की इच्छाशक्ति की जरूरत है.

शहर के अति व्यस्ततम बाजार क्षेत्रों, कालोनियों में ऐसी जगहें हैं जहां सिर्फ प्लानिंग की जरूरत है. शहर के मुख्य बाजार सीताबर्डी की ही बात करें तो यहां एनआईटी ने एक कार पार्किंग प्लाजा बनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है. वह पर्याप्त नहीं है. सड़कों के दोनों किनारों पर कतारों में कारें खड़ी रहती हैं.

इस बाजार क्षेत्र में मोरभवन बस स्टैंड, पटवर्धन ग्राउंड, गोरक्षण के सामने पीकेवी की लैंड उपलब्ध है. जहां पूरी प्लानिंग से मल्टीस्टोरी पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है. यदि इनमें से एक भी जगह का इस्तेमाल किया गया तो इस मुख्य बाजार क्षेत्र की सड़कों में यातायात व्यवस्था खुली-खुली हो जाएगी और जाम नहीं लगेगा.

बस स्टैंड के साथ पार्किंग
व्यापारी दिनेश अग्रवाल कहते हैं कि, मोरभवन बस स्टैंड की जमीन का उपयोग बस स्टैंड के रूप में पूर्ववत हो सकता है और यदि यहां मल्टीस्टोरी पार्किंग प्लाजा तैयार किया गया तो नीचे बस स्टैंड और ऊपर पार्किंग की सुविधा प्रदान की जा सकती है. इससे इस बाजार क्षेत्र में वाहनों को खड़ा करने की समस्या ही दूर हो जाएगी. वहीं सिविल इंजीनियर अनिल सिंग का कहना है कि सीताबर्डी बाजार में भीतर दो पार्किंग स्थल हैं लेकिन वे अपर्याप्त हैं.

गाड़ी खड़ी करने के लिए गाड़ी के साथ बाजार के भीतर घुसना पड़ता है. कई बार जाम भी लग जाता है. गोवारी ब्रिज के नीचे पे एंड पार्क है लेकिन उसका उपयोग केवल बिग बाजार के सामने ही नजर आता है. यशवंत स्टेडियम के पास पटवर्धन ग्राउंड में जहां स्टार बस की पार्किंग दी गई है, यदि यहां मल्टीलेवल पार्किंग प्लाजा तैयार किया जाए तो नीचे स्टार बस और ऊपर अन्य वाहनों को खड़ा करने की सुविधा हो जाएगी.

धंतोली-तकिया में हो सकती है व्यवस्था
मनपा जोनल कार्यालय धंतोली के पीछे वाले एरिया में तकिया ग्राउंड अनेक वर्षों से खाली पड़ा है. यहां पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है. धंतोली में निजी अस्पताल बड़ी संख्या में हैं और इस इलाके में गलियों में भी फोरव्हीलर व टू-व्हीलर खड़ी कर रास्ता जाम कर दिया जाता है. पार्किंग की गंभीर समस्या है. बाहरी लोगों के आवागमन और घरों के सामने वाहन खड़ा कर देने से स्थानीय नागरिकों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं.

यह तो किया ही जा सकता है

  • नई निजी व सरकारी आवासीय योजनाओं में कम्युनिटी पार्किंग के लिए जमीन आरक्षित हो.
  • बड़ी कालोनियों में सरकारी जमीन पर पीपीपी माडल पर मल्टीलेवल पार्किंग विकसित किया जाए.
  • चारपहिया खरीदने वालों को पार्किंग स्पेस की शर्त पर ही वाहनों की बिक्री हो, ऐसा शपथ पत्र लिया जाए.
  • जो लोग निजी जमीन पर सार्वजनिक पार्किंग बनाने के लिए आगे आएं उन्हें मकान की ऊंचाई बढ़ाने, पार्किंग संचालन व शुल्क में छूट दी जाए.
  • सार्वजनिक परिवहन सेवा सस्ती, सुलभ और तेज हो ताकि लोग खुद के वाहनों का उपयोग कम करें.
  • स्ट्रीट पार्किंग पर भी शुल्क वसूला जाए ताकि लोग कहीं भी रोड के किनारे पार्किंग करने से बचें.