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  • खरीफ का मुआवजा रबी में भी नहीं
  • केंद्रीय टीम की रिपोर्ट का इंतजार

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नागपुर. गत वर्ष खरीफ के सीजन में अतिवृष्टि, बाढ़ और बेमौसम बारिश के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था. किसानों को इसका सही मुआवजा मिल सके, इसके लिए सरकार तथा कृषि विभाग ने किसानों के लिए फसल बीमा योजना शुरू की थी. लेकिन अभी तक जिले के अधिकांश पीड़ित किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. ऐसे में बीमा कंपनियों की पॉलिसियों को लेकर किसानों में भ्रम है. इस योजना का लाभ किसानों को कम और बीमा कंपनियों को अधिक होने का आरोप भी किसान दबी आवाज में कर रहे है.

वर्ष 2020 के खरीफ सीजन में सोयाबीन, तुअर, गेहूं और अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ था. जिले के किसानों ने कृषि विभाग से तुरंत पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग प्रशासन से भी की थी. तब प्रशासन नहीं जागा और जब किसानों ने अपने खेतों में रबी की फसल ली तब सरकार ने एक केंद्रीय टीम का गठन कर सभी इलाकों में सर्वे का काम शुरू किया. ऐसे में किसानों ने उस समय भी प्रशासन पर आरोप लगाया था कि रबी की फसल देख खरीफ के नुकसान का आकलन कैसे लगाया जा सकता है.

बीमा निकालने के बाद भी नहीं मिला मुआवजा

सरकारी योजाना के अनुसार, किसानों ने अपनी फसल का बीमा निकाला था. नुकसान के 72 घंटे के भीतर नुकसान की जानकारी बीमा कंपनियों को देने के निर्देशानुसार किसानों ने इसकी जानकारी बीमा कंपनियों को भी दी थी लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को बीमा की राशि नहीं मिली. ऐसे में अब किसानों ने प्रशासन और बीमा कंपनियों से आस छोड़ दी है.

10 प्रश से कम किसानों को मिला लाभ

नागपुर जिले में वर्ष 2019-20 के खरीफ सीजन के लिए 51,155 किसानों ने 52,798 हेक्टेयर के लिए 7 करोड़ 19 लाख 5 हजार रुपये भरे थे. 51,155 किसानों की तुलना में 10 प्रतिशत से भी कम यानी 3,763 किसानों को बीमा का लाभ मिला. रबी के सीजन में जिले के एक भी किसान को इसका लाभ नहीं मिला. रबी के लिए जिले के 3,577 किसानों ने 1 करोड़ 70 लाख 46 हजार रुपये भरे है.

केंद्रीय टीम की रिपोर्ट का इंतजार

किसानों की फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने केंद्रीय टीम दिसंबर में विदर्भ के दौरे पर आई थी. इस दौरान उसने जिले का भी दौरा किया था. सर्वे करने के बाद किसानों में थोड़ी उम्मीद जगी थी लेकिन इस टीम को आकर भी एक माह का समय हो चला है. किसान इसकी रिपोर्ट के इंतजार में है.