Vikas Thakre

  • विधायक ठाकरे ने आयुक्त को भेजा पत्र

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नागपुर. जनता को शहर बस सेवाएं उपलब्ध कराने के संदर्भ में भारतीय संविधान की धारा 243डब्ल्यू और मुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट में विस्तार से जानकारी उपलब्ध की गई है. जिसके अनुसार यह सेवा उपलब्ध कराना काफी जरूरी है. इसके बावजूद गत 7 माह से शहर बस सेवा पूरी तरह बंद है. डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसमें 1.8 मीटर की दूरी रखकर सभी सेवाएं शुरू करने की हिदायत दी है. नियमों का पालन कर शहर बस सेवा शीघ्र प्रभाव से शुरू करने की मांग विधायक विकास ठाकरे ने की. इस संदर्भ में उन्होंने मनपा आयुक्त राधाकृष्ण बी को पत्र भी भेजा.

300 कर्मचारियों पर भूखमरी

आयुक्त को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि गत 7 माह से बस सेवा बंद होने से चालक और कंडक्टर सहित अन्य कर्मचारी मिलाकर 300 से अधिक परिवार आर्थिक में है. पूरी तरह बेरोजगार अवस्था में होने से कर्मचारी परिवार का पालन पोषण तक नहीं कर पा रहे है. जिससे परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच गए है. उन्होंने कहा कि राज्य के कई शहरों में नियमों का पालन करते हुए बस सेवा शुरू की जा चूकी है. यहां तक कि निजी बस सेवाएं भी शुरू हुई है. साथ ही राज्य परिवहन विभाग की बसों का भी संचालन हो रहा है. ऐसे में शहर बस सेवा शुरू करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. 

लोगों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ

ठाकरे ने कहा कि बस सेवा बंद होने से लोगों को वैकल्पिक सेवा का उपयोग करना पड़ रहा है. जबकि इस तरह की सेवाएं बस सेवा से अधिक महंगी साबित हो रही है. जिसके चलते लोगों पर गत 7 माह से आर्थिक बोझ भी पड रहा है. मिशन बिगीन अगेन के अंतर्गत कई तरह का कामकाज शुरू होने से अब लोगों का बाहर निकलना शुरू हो चूका है. विशेषत: शहर बसों का संचालन नहीं होने से महिलाओं को अनेक तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है. कुछ लोगों के  पास निजी वाहन नहीं होने से या तो महंगी सेवाएं लेना मजबूरी है या फिर काम को टालते हुए घर में ही रहना पड़ रहा है. कई लोग बुटीबोरी, हिंगना, कलमेश्वर जैसी एमआईडीसी में कार्य करते है. लाकडाऊन के दौरान पहले ही वेतन में कटौती हुई है. ऐसे में रोजगार के लिए निजी वाहनों से इतनी दूर जाने पर अतिरिक्त आर्थिक खर्च भी वहन करना पड़ रहा है.