Drug dealer injured in police encounter

  • मुंबई से आये, नागपुर आफिस को किया किनारे
  • इंदौर कनेक्शन में हुई छापेमारी

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नागपुर. इंदौर के प्रमुख पान मसाला कारोबारी अशोक वाधवानी पर कार्रवाई के बाद इस कनेक्शन में एफडीए मुंबई ने नागपुर के 5 व्यापारियों पर कार्रवाई की है और लगभग 1 से डेढ़ करोड़ रुपये का माल जब्त किया है. मुंबई कार्यालय ने नागपुर के अधिकारियों को दरकिनार करते हुए मामले को अंजाम दिया है ताकि कार्रवाई लिक न हो सके. मुंबई के अधिकारियों को स्थानीय सहयोगियों पर भरोसा नहीं था और खुद ही कार्रवाई कर पूरे नेटवर्क को पकड़ने का काम किया.

जानकारों ने बताया कि इंदौर में छापेमारी के बाद एफडीए को काफी जानकारी मिली थी और करोड़ों का माल भी जब्त किया गया था. इसके बाद संचालक अशोक वाधवानी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था. वाधवानी से पूछताछ के बाद नागपुर के वड़धामना, चिखली और इतवारी में कार्रवाई होने की जानकारी मिली है. गुरुवार को देररात से ही कार्रवाई जारी है. इस मामले में राजू, आनंद और दामू सहित 2 अन्य लोगों को पकड़ा गया है और छानबीन की जा रही है. 

फूड लाइसेंस भी नहीं 
जानकारों की माने तो इन कारोबारियों के पास फूड विभाग का लाइसेंस भी नहीं था. वे बड़े पैमाने पर पान मसाला और सुपारी का कारोबार कर रहे थे. स्थानीय एफडीए अधिकारियों को भी इसकी जानकारी थी, लेकिन वे कार्रवाई से कतरा रहे थे. इसलिए मुंबई की टीम ने खुद की कार्रवाई को अंजाम दिया है. 

लाकडाउन में आये माल
सूत्रों ने बताया कि लाकडाउन के दौर में विजय नामक कार ड्राइवर ने कम से कम 50 बार माल लेकर नागपुर आया और माल की खपत की है. आश्चर्य की बात यह है कि इंदौर से माल आया भी और पूरी तरह से बिक भी गया.  एफडीए अधिकारियों के सक्रिय होने के बाद पान मसाला आ भी रहा था और बिक भी रहा था, जिससे लोगों को संदेह होने लगा था. हालांकि जानकारों की माने तो इसके पीछे किसी और का भी हाथ है. एफडीए जांच में इसका खुलासा होने की संभावना है. 

बचते रहे एफडीए अधिकारी
स्थानीय एफडीए अधिकारी पूरे दिन बचते रहे. सह. आयुक्त सी. बी. पवार फोन रिसिव करने को तैयार नहीं थे, जबकि अन्य अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी छुट्टी पर होने की बात कर खुद को मामले से अलग करते रहे. इससे संदेश को और भी बल मिलता है.