covid-19: Classes held in a school in Latur, Maharashtra, case registered against management

  • फोन कर पेमेन्ट करने कह रहा स्कूल प्रशासन

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नागपुर. लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने से कम्पनी, दूकानें आदि कामकाज पूरी तरह बंद है. इस संक्रमण से बचने के लिए राज्य सरकार ने कुछ परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया है, वहीं स्कूल-कालेजों को बंद कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने स्कूलों को आदेश दिये हैं कि परिस्थिति को देखते हुए स्कूली बच्चों के पालकों से फीस न मांगी जाए. बावजूद इसके कुछ स्कूल प्रशासन पालकों को फोन कर जबरन फीस भरने का दबाव डाल रहे हैं. ऐसे में पालकों पर मानसिक तनाव बढ़ रहा है. ऐसा ही एक मामला सिटी स्थित सेंट विन्सेंट पलोटी स्कूल का सामने आया है, जहां स्कूल प्रशासन पालकों को फोन कर स्कूल बुला रहे हैं और एडमिशन करने और तुरंत फीस भरने का दबाव डाला जा रहा है. प्रशासन के इस बर्ताव से पालकों में जमकर रोष है.

कोरोना प्रकोप के कारण सभी लोगों के कामकाज पर भारी असर पड़ा है. कम्पनियों ने कइयों को नौकरियों से निकालने के साथ वेतन में कटौती कर दी है. दूकानें शुरू नहीं होने के कारण छोटे व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. कई नौकरीपेशा नागरिकों के पास परिवार को पालने तक की मशक्कत करनी पड़ रही है. ऐसी कठिन परिस्थिति में मदद करने की बजाय स्कूल प्रशासन पालकों को फोन कर फीस भरने का दबाव डालने का काम कर रहा है. पालकों द्वारा समय देने की अपील करने के बाद भी उनकी समस्याओं को समझा नहीं जा रहा है. पालकों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्री ने स्कूलों की जांच करनी चाहिए. सरकार के आदेश के बाद भी पालकों को फीस के लिए परेशान करने वाली स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग पालकों द्वारा की जा रही है.

किसी को नहीं किया फोन
सेन्ट विन्सेन्ट पलोटी स्कूल के संचालक फादर कोवेली ने पालकों द्वारा लगाए गए आरोपों से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन की ओर से पालकों को कोई फोन नहीं किया गया है. बता दें कि स्कूल का लैंडलाइन फोन बंद है इसलिए फोन करने का सवाल ही नहीं उठता है. हालांकि उन्होंने एसएमएस किए जाने की बात की लेकिन इस संबंध में पूछे जाने पर वे घूमा-फिरा कर जवाब देने लगे. उन्होंने कहा कि लोग स्वयं होकर आनलाइन पेमेंट कर रहे हैं. किसी को फीस के लिए दबाव नहीं डाला जा रहा है. इसी के साथ ही सरकार ने बुधवार को एक जीआर निकाला जिसमें उन्होंने निजी स्कूलों को फीस जमा करने की अनुमति दे दी है.