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  • HC ने ठुकराई FIR रद्द करने की याचिका

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नागपुर. नंदनवन थाना अंतर्गत दर्ज मामले की एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए पूर्व पार्षद अनिल धावड़े और अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश झका हक और न्यायाधीश अमित बोरकर ने राहत देने से इंकार कर अर्जी ठुकरा दी.

उल्लेखनीय है कि नंदनवन थाना में धावड़े और अन्य के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 447, 386, 294, 506-II और आर्म्स एक्ट की धारा 9 और 25 के तहत मामला दर्ज किया गया था. वर्ष 2014 में ही अभियुक्तों द्वारा एफआईआर खारिज करने के लिए याचिका दायर की गई थी, जिसे गत समय अदालत की ओर से अंतिम सुनवाई के लिए स्वीकृत किया गया था. बताया जाता है कि 2 अलग-अलग अर्जियां दायर की गई थीं.

समय देने का किया अनुरोध

वर्ष 2014 से मामला लंबित होने के बावजूद मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. आर.के. तिवारी की ओर से एक अर्जी दायर करने के लिए समय देने का अनुरोध किया गया. सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि मामले में अब पुलिस द्वारा चार्जशीट भी दायर की गई है जिससे चार्जशीट को भी चुनौती देते हुए नई अर्जी दायर करना है. एफआईआर रद्द करने की दायर की गई अर्जी अदालत में लंबित रहते दौरान ही पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर की गई है. अत: अब नई अर्जी दायर करना है. सुनवाई के दौरान अदालत का मानना था कि दोनों अर्जियां एक ही एफआईआर को लेकर दायर की गई हैं. यहां तक कि दोनों अर्जियों पर एक ही वकील द्वारा पैरवी करने से दोनों अर्जियों को एक साथ सुनवाई के लिए रखा गया. 

अब तक अर्जी में सुधार क्यों नहीं

सुनवाई के दौरान अदालत का मानना था कि वर्ष 2014 से मामला लंबित है. लेकिन चार्जशीट को चुनौती देते हुए अर्जी में सुधार के लिए अभियुक्त की ओर से अब तक कोई भी प्रयास नहीं किए गए, जिससे अब अर्जी दायर करने के लिए समय देने से अदालत ने इंकार कर दिया. अर्जियां ठुकराते हुए अदालत ने कहा कि कानून में प्रदत्त अधिकारों के अनुसार सक्षम कोर्ट के समक्ष अर्जी करने के लिए याचिकाकर्ता स्वतंत्र है.