electricity bill
Pic: File Photo/Social Media

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नागपुर. कोरोना महामारी के संकटकाल के संपूर्ण बिजली बिल से विदर्भ के नागिरकों को मुक्त करने की मांग लेकर विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से बिजली बिल की होली जलाई गई. साथ ही ऊर्जामंत्री व मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर रोष जताया गया. मुख्य संयोजक राम नेवले के नेतृत्व में गिरिपेठ में हुए इस आंदोलन में सरकार व ऊर्जामंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. नेवले ने कहा कि नागरिकों को बिजली बिल से मुक्त करें अन्यथा सभी विधायकों, मंत्रियों के वेतन-पेंशन बंद करो. इस दौरान मुकेश मासूरकर, अरुण केदार, रेखा निमजे, सुनीता येरणे, प्रीति दिडमुठे, रविन्द्र भामोडे, विजय मौंदेकर, शोभा येवले, गुलाबराव धांडे, अरविंद भोसले, प्रशांत जयकुमार, एड. पराते सहित बड़ी संख्या में विदर्भवादी उपस्थित थे.

लूटमार सहन नहीं
नेवले ने कहा कि कोरोना नैसर्गिक आपदा है इसलिए सरकार को संकटकाल का बिजली बिल माफ करना चाहिए या फिर खुद ही जमा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते तो विधायकों, मंत्रियों, सांसदों के वेतन, भत्ता, पेंशन सब बंद किया जाए. जनता के पैसों से ये लाखों की गाड़ियों में घूमते हैं. बिजली बिल के बहाने जनता की जेबों में डाका डालने का काम किया जा रहा है. यह लूटमार सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विदर्भ भर में 100 तहसीलों में 100 से अधिक स्थानों पर बिजली बिल की होली जलाकर विदर्भवादियों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है. 

कटौती का प्रस्ताव मंजूर नहीं
महाराष्ट्र सरकार ने बिजली बिल में 20 से 30 फीसदी कटौती का प्रस्ताव नियामक आयोग को दिया है. नेवले ने कहा कि यह हमें मंजूर नहीं है. संपूर्ण बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिजली बिल की दर में भारी बढ़ोतरी कर लूट मचाई जा रही है. जब तक बिल माफ नहीं किया जाता तब तक विदर्भवादी बिजली बिल जमा नहीं करेंगे. 

आप कार्यकर्ता हुए गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ऊर्जामंत्री नितिन राऊत के निवास स्थान के समीप बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे. काफी देर तक जब कोई मिलने नहीं पहुंचा तो नारेबाजी करने लगे. पुलिस ने अनेक पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर वहां हटाया. पुलिस कार्रवाई से कार्यकर्ताओं में भारी रोष देखा गया.