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  • कोरोना संकट में विवि ने छात्रों को नहीं दी राहत

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नागपुर. कोरोना महामारी की वजह से पिछले 1 वर्ष 2 महीने से कॉलेज बंद है. छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस और परीक्षा भी ऑनलाइन ही ली जा रही है. कुछ परीक्षाएं विवि द्वारा ली गई जबकि अब कुछ परीक्षाएं कॉलेज स्तर पर ली जा रही हैं. ऑनलाइन व्यवस्था से विवि का खर्च बचा है. इसके बाद भी परीक्षा शुल्क में कमी नहीं की गई. जबकि मोबाइल और लैपटॉप पर पढ़ाई से छात्रों का खर्च बढ़ गया है. कई छात्रों की आर्थिक हालत खराब होने के बाद भी विवि प्रशासन ने कोई राहत नहीं दी. पिछले दिनों विवि ने आदेश जारी कर कॉलेजों को सख्त हिदायत दी कि शुल्क वसूली के लिए छात्रों से सख्ती न की जाये. साथ ही किस्तों में शुल्क जमा करने की राहत दी जाये. कोरोना की वजह से कई पालकों की हालत खस्ता हो गई है. स्थिति यह है कि जैसे-तैसे परिवार का गुजारा चल रहा है. इस हालत में बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करना मुश्किल हो गया है. कई कॉलेजों ने पहले ही छात्रों को किस्तों में फीस भरने की सहूलियत दी है. व्यसायिक पाठ्यक्रम वाले कॉलेजों में फीस भी अधिक होने से छात्रों के सामने दिक्कतें पैदा हो गई है.

करोड़ों रुपये की हुई बचत 

कॉलेजों का कहना है कि सरकार द्वारा फीस में कटौती की जानी चाहिए थी, लेकिन एक वर्ष से इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया. अब विवि द्वारा फीस वसूली के लिए कॉलेजों को सख्ती नहीं करने की हिदायद दी जा रही है. प्राइवेट कॉलेजों की हालत पहले से ही खराब है. फीस वसूली नहीं होने से व्यवस्था को चलाना भी मुश्किल हो जाएगा. यदि कम ही करना है तो विवि को अपनी परीक्षा फीस में कमी करनी चाहिए. या किस्तों में फीस जमा करने की सुविधा देना चाहिए. इंजीनियरिंग सहित अन्य व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में एक सेमेस्टर की फीस करीब 2,500 रुपये होती है. अब तक छात्र 2 से अधिक सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके हैं. परीक्षा ऑनलाइन होने से विवि का खर्च कम हुआ है. इतना ही नहीं मूल्यांकन के भी करोड़ों रुपये की बचत हुई है. यही वजह है कि विवि की ओर से ही छात्रों को राहत दी जानी चाहिए.

कॉलेजों पर ही न हो सख्ती

विदर्भ अनएडेड इंजीनियरिंग कॉलेजेस मैनेजमेंट एसोसिएशन के महासचिव अविनाश दोरसटवार ने बताया कि विवि द्वारा छात्रों को फीस में राहत दी जानी चाहिए. कोरोना संकट की वजह से विवि द्वारा ऑनलाइन परीक्षाएं ली जा रही है. इस हालत में प्रवेश फीस सहित परीक्षा फीस भी कम की जानी चाहिए. इतना ही नहीं विवि द्वारा लेट फीस भी फिलहाल बंद की जानी चाहिए.