Goods train derails near Mumbai, efforts are on to bring train coach back on track
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  • ट्रेन में लगी कोच पोजिशन के कारण लगानी पड़ रही दौड़

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नागपुर. कोरोना संक्रमणकाल ने हर चीज में बदलाव कर दिया है. लाकडाउन समाप्ति के बाद रेलवे ने जनरल क्लास को सेकंड सीटर में बदल दिया और केवल आरक्षित सीट वाले यात्रियों का सफर की अनुमति दी है. इन जनरल कोच को डी श्रेणी बताकर सीटों दी जा रही है. यात्रियों को उनकी कोच और सीट के लिए प्लेटफार्म पर दौड़ लगानी पड़ रही है.

ज्ञात हो कि देश की अधिकांश यात्री ट्रेनों आगे और पीछे, दोनों ओर कम से कम 1-1 जनरल कोच होता है. वर्तमान में इन्हें डी1, डी2 या डी3 बनाकर आरक्षित सीटें दी जा रही है. लेकिन यात्री को यह पता नहीं होता है कि इनमें कोच डी1 आयेगा या पीछे. ऐसे में 90 मिनट पहले स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी यात्रियों को अपनी कोच के लिए कभी आगे से पीछे तो कभी पीछे से आगे दौड़ लगानी पड़ रही है.

कोच डिस्प्ले सिस्टम के साथ अनाउंसमेंट भी जरूरी

नागपुर स्टेशन पर पटना एक्सप्रेस और जयपुर एक्सप्रेस के समय पर अक्सर ऐसा नजारा दिखाई दे रहा है. हालांकि स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर कोच डिस्प्ले सिस्टम लगा हुआ है जिस पर श्रेणी और कोच नंबर भी दिखाई देता है. लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि जनरल कोच को सेकंड सीटर में बदलने से इस क्लास में सफर करने वाला हर यात्री उतना जानकार हुआ है. ऐसे में डिस्प्ले के साथ मैन्यूअल अनाउंसमेंट भी किया जा सकता है.

ज्ञात हो कि जबलपुर, सतना और कटनी जैसे स्टेशन पर इस प्रकार का अनाउंसमेंट शुरू है जिसमें यात्रियों को बताया जाता है कि उनका कोच इंजन से कौन से नंबर की बोगी होगा. ऐसे में मध्य रेल के तहत आने वाले नागपुर स्टेशन पर भी इस प्रकार का प्रयास किया जा सकता है. यह अनेक यात्रियों के लिए सहूलियत भरा होगा.