नागपुर में हॉलमार्किंग अनिवार्य, विदर्भ के 3 जिले पहले चरण में शामिल

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    • अकोला और अमरावती का भी समावेश
    • 8 जिले आएंगे अगले चरण में

    नागपुर. सोने के जेवर और कलाकृतियों पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग  की व्यवस्था लागू हो गई है. पहले चरण में देश के 256 जिलों को शामिल किया गया है. इनमें नागपुर का भी समावेश है. विदर्भ के अकोला और अमरावती जिले भी अनिवार्य हॉलमार्किंग वाले जिलों में शामिल हो गए हैं.  राज्य के कुल 22 जिलों को पहले चरण में शामिल किया गया है.

    हॉलमार्किंग मूल्यवान धातु की शुद्धता का एक प्रमाणपत्र है, अब तक यह ऐच्छिक था लेकिन अब अनिवार्य श्रेणी में आ गया है. इससे लोगों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में उद्योग जगत के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया. बैठक में व्यापारियों की कई मांगों में माना गया है. 

    अभी जुर्माना नहीं

    बैठक के बाद व्यापारियों ने बताया कि सरकार प्रयास कर रही है कि  ग्राहकों की बेहतर सुरक्षा और संतुष्टि का निरंतर प्रयास हो लेकिन इसमें कई अड़चनें हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए. इसलिए सरकार ने कई बातें मान ली हैं. सरकार ने कहा है कि अगस्त 2021 तक इस मामले में कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. 

    24 कैरेट को भी मंजूरी

    सोना-चांदी ओल कमेटी के सचिव राजेश रोकड़े ने बताया कि बैठक में अच्छी बात यह हुई है कि अब 20, 23 और 24 कैरेट सोने की हॉलमार्किंग को भी अनुमति दे दी है. पूर्व में केवल 14, 18 और 22 कैरेट को भी मान्यता दी गई थी. इसी प्रकार व्यापारियों के लिए पूर्व में लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया था और फीस की दरें भी तय की गई थी लेकिन अब लाइसेंस की जगह रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया गया है.

    रजिस्ट्रेशन के लिए व्यापारियों से फीस नहीं ली जाएगी. रजिस्ट्रेशन भी एक बार ही कराना होगा. पूर्व में 5 वर्ष का लाइसेंस लेने का प्रावधान था. 40 लाख तक की सीमा तय करने का लाभ भी व्यापारियों को मिलेगा. एक अनुमान के अनुसार 2,500-3,000 सराफा कारोबारियों में से 500 के आसपास ऐेसे व्यापारी होंगे जिनका कारोबार 40 लाख से अधिक होगा.

    मुख्य बातें

    • 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले आभूषण निर्माताओं को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट 
    • घरेलू प्रदर्शनी के लिए भी इससे छूट होगी
    • घड़ियों, फाउंटेन पेन में इस्तेमाल सोने और कुंदन, पोल्की तथा जड़ाऊ आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट
    • जौहरी उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क वाले सोना खरीद सकते हैं.  पुराने आभूषणों को पिघलाने और नये आभूषण बनाने के बाद जौहरी व्यावहारिक होने पर हॉलमार्क करा सकते हैं.