Sandeep Joshi and Tukaram mundhe

  • महापौर ने स्मार्ट सिटी की बैठक के एजेन्डे पर उठाए सवाल

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नागपुर. मनपा में आयुक्त पद स्वीकार करने के बाद से सत्तापक्ष के साथ चल रही अनबन समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. आलम यह है कि हर दिन नए मुद्दे को लेकर मनपा आयुक्त पर आरोपों का सिलसिला जारी है. इसी श्रृंखला में शुक्रवार को महापौर संदीप जोशी ने स्मार्ट सिटी के संचालक मंडल की बैठक को लेकर जारी किए गए एजेन्डे को लेकर सवाल खड़े किए. एजेन्डे के हवाले से उन्होंने कहा कि इस बैठक में मनपा आयुक्त को संचालक बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.

एजेन्डा स्वयं प्रशासन की ओर से निकाला गया है. ऐसे में यदि आयुक्त संचालक ही नहीं है, तो स्मार्ट सिटी के सीईओ कैसे हो गए. अत: उनका सीईओ पद भी गैरकानूनी होने का आरोप महापौर जोशी ने लगाया. जिससे 10 जुलाई को होने जा रही स्मार्ट सिटी कम्पनी के संचालक मंडल की बैठक में भी जमकर हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है.

आयुक्त पर लगाया आरोप
महापौर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के एजेन्डे के अनुसार फिलहाल मनपा आयुक्त सीईओ नहीं है. यह स्पष्ट है. सीईओ पद गैरकानूनी होने के बावजूद 18 करोड़ का बिल एक ठेकेदार कम्पनी को किस अधिकार में दिया गया. यह भी प्रश्न है. विकास कार्यों के बिल देने के संदर्भ में संचालक मंडल की पहले हुई बैठक में ही फैसला होने की जानकारी आयुक्त द्वारा दी जा रही है. फिर गत समय संचालक मंडल की बैठक में जिन अधिकारियों की नियुक्तियों को मंजूरी दी गई, उन्हें कैसे निकाला गया. कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि संचालक मंडल की बैठक आयोजित करने तथा विषय पत्रिका पर स्वयं की नियुक्ति के विषय को प्राथमिक नंबर पर रखा था. किंतु स्मार्ट सिटी कम्पनी के चेअरमन प्रवीण परदेसी ने नियमों के अनुसार विषय पत्रिका के विषयों का क्रम निश्चित किया. 

संचालक मंडल की बैठक में जताएंगे आपत्ति
उन्होंने स्पष्ट किया कि सीईओ के पद पर नियमों के अनुसार आयुक्त की नियुक्ति हो, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. किंतु आयुक्त को अधिकार नहीं होने के बावजूद कम्पनी के बिल जारी करने, अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करने के संदर्भ में संचालक मंडल की बैठक में उनसे निश्चित ही जवाब मांगा जाएगा. इसी तरह कई मुद्दों पर बैठक में बहस होने की जानकारी भी उन्होंने दी.