Fish Death, gandhisagar lake
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  • एक दिन पहले मनपा कर्मचारियों ने किया था स्प्रे

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नागपुर. गांधीसागर तालाब में सैकड़ों मछलियां मरी हुई पाई जाने से स्थानीय नागरिकों में हड़कंप मच गया है. तालाब में अलग-अलग प्रजाति की मछलियां पाली गईं हैं. मंगलवार की दोपहर अचानक सैकड़ों की तादात में मरी हुई मछलियां पानी के सतह पर तैरती हुई दिखाई दी. बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही मनपा के कर्मचारियों ने तालाब में स्प्रे किया था. कही स्प्रे के कारण इतनी मछलियां तो नहीं मरी इसपर संदेह जाताया जा रहा है. मृत मछलियों को बाहर निकाला गया. करीब नावों से भारी तादाद में मृत मछलियों को बाहर निकालकर कचरे की गाड़ी में डाला गया.

इसके पहले भी हुई घटना
मछलियां किस कारण मरी इसका रहस्य बरकरार है. मृत मछलियों में से कई मछलियों 12 से 15 किलोग्राम बताया जा रहा है. मछलियां तालाब के किनारे में पड़ी थीं. तालाब में छोटी प्रजाति की मछलियां अधिक हैं. बड़ी मछलियां भी मृत पाई गई हैं.  मृत मछलियों को मनपा के कचरे वाहन में लादकर भांडेवाडी परिसर में भेज दिया गया. इसके पहले भी तालाब में प्रदुषण के कारण हजारों की संख्या में मछलियां मर चुकी है. हर बार मछलियों का कारण आम नागरिक के समझ से परे है. गांधीसागर तालाब का पानी जहरीला हो गया है. तालाब में कचरा होने के कारण आक्सिजन का स्तर कम हो गया है. हाईकोर्ट ने तालाब के प्रदुषण से मर रही मछलियों को लेकर मनपा को फटकार लगाई थी. 

ऑक्सीजन लेवल हुआ कम
पर्यावरण विशेषज्ञ इस तरह बड़े पैमाने पर मछली मरने के पीछे कई वजह बता रहे हैं जानकारों का मानना है कि तालाब में दूषित पानी मिलने या फिर किसी के द्वारा विषाणु जिसे पानी में मिलाए जाने की वजह से इस तरह से मछलियां बड़े पैमाने पर मरी होगी,ऑक्सीजन लेवल कम होने पर भी मछलियां आमतौर पर मरती है लेकिन जिस तरह से यहां पर मछलियों के मरने का प्रमाण है यह ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हो सकता ऐसे में इस पूरे मामले में मछलियों का पोस्टमार्टम कर मछली मारने की वजह जानना बेहद जरूरी है.