Aapli Bus
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  • राकां गुटनेता पेठे का सत्तापक्ष पर प्रहार

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नागपुर. शहर बस सेवा शुरू करने के लिए अब मनपा में जहां कांग्रेस की ओर आवाल बुलंद की गई, वहीं राकां ने भी कमर कस ली है. यहीं कारण है कि शहर बस सेवा शुरू करने के लिए अब आंदोलन करने की चेतावनी भी मनपा में राकां के गुटनेता दुनेश्वर पेठे ने पत्र परिषद में की. उन्होंने कहा कि शहर बस का संचालन करने के लिए परिवहन समिति को 108 करोड़ रू. मनपा द्वारा देना है.

मनपा की आर्थिक स्थिति को देखते हुए संभवत: सत्तापक्ष बसों का संचालन टाल रहा है. बजट पर चर्चा के दौरान पूर्व महापौर नंदा जिचकार ने बस का संचालन मेट्रो को देने की मांग रखी. यदि शहर की जनता को बस सेवा उपलब्ध कराना सत्तापक्ष के लिए संभव नहीं है, तो मनपा बर्खास्त कर देनी चाहिए.

अब कुछ भी हो, सरकार पर मढेंगे दोष

उन्होंने कहा कि कानून और नियमों के अनुसार परिवहन समिति संवैधानिक समिति है. यहां तक कि मनपा आयुक्त को भी इसका निर्णय लेने की आवश्यकता नहीं है. इसके बावजूद मनपा आयुक्त से मिलकर इसकी मांग की गई थी. किंतु उनके द्वारा मिले संकेत से यह प्रतित हो रहा था कि सत्तापक्ष की ओर से ही कुछ अडंगा है. जनता को सेवाएं देने तथा शहर विकास में अब कुछ भी समस्या आ रही है, तो इसका दोष राज्य सरकार पर मढने का एकमात्र एजेन्डा भाजपा सत्तापक्ष द्वारा चलाया जा रहा है. जबकि अलग-अलग महानगर पालिकाओं ने अपनी बस सेवाएं शुरू कर दी है. राज्य सरकार ने भी मिशन बिगीन अगेन के तहत पहले ही इसके लिए मंजूरी प्रदान कर संबंधित मनपा को अधिकार प्रदान कर दिया है.

ठीक से मेट्रो चला लें, मेट्रो रेल कार्पोरेशन

बसों का संचालन नहीं होने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानी पर चिंता जताते हुए पेठे ने कहा कि मनपा में अब नया ट्रेंड शुरू हो गया है. जो भी विकास कार्य मनपा के लिए संभव नहीं हो रहा, उसका काम मेट्रो को देने का निर्णय लिया जा रहा है. मेट्रो की पहले ही ऐसी दुर्गति है कि उनके लिए मेट्रो चलाना ही घाटे का सौदा साबित हो रहा है. सत्तापक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान महापौर सिंघम बनकर शहर में घूम रहे हैं. मनमर्जी से निर्णय लिए जा रहे हैं. महानगर पालिका किसी पार्टी की नहीं है. प्रशासन और अन्य भी इसके हिस्से है. सत्तापक्ष किसी भी सूरत में बस चलाना ही नहीं चाहता है. लेकिन अब प्रशासन और सत्तापक्ष के रूख को देखते हुए यदि शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो राकां की ओर से तीव्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.