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  • आर्य ने सीएम को लिखा पत्र

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नागपुर. पूरे राज्य भर में ईंट, गिट्टी, मुरुम, रेती में रायल्टी की भारी चोरी होती है जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. राज्य में गिट्टी, मुरुम और ईंट पर 5 प्रतिशत क्युबिक फुट रायल्टी ली जाती है. एक ट्रक में करीब 600 फुट मटेरियल होता है जिसके हिसाब से रायल्टी 3000 रुपये होती है. वहीं रेती ठेकेदार 1000 रुपये प्रति टने के हिसाब से रायल्टी लेता है.

राकां के प्रदेश उपाध्यक्ष वेदप्रकाश आर्य ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर एक प्रयोग करने को कहा है. जिसमें में उन्होंने दावा किया है कि अगर रायल्टी कम कर दी जाएगी तो राजस्व की चोरी भी कम हो जाएगी. फिलहाल भारी रायल्टी के चलते 90 फीसदी रायल्टी की चोरी विविध विभागों से मिलीभगत के चलते किया जा रहा है.

इसमें आरटीओ, पुलिस, ट्राफिक पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं. उन्होंने लिखा है कि अगर गिट्टी, मुरुम और ईंट पर रायल्टी 100 रुपये क्युबिक फुट किया गया तो राज्य को करोड़ों का राजस्व बढ़ सकता है. वहीं रेती की रायल्टी 500 रुपये टन की जाए तो चोरी भी रुक जाएगी और सरकारी खजाने में राजस्व काफी बढ़ जाएगा.

करोड़ों का लग रहा चूना

आर्य के अनुसार, रेती सप्लायरों का कहना है कि वे आरटीओ को 80 हजार रुपये महीना एक ट्रक के देते हैं. इसके अलावा रेती घाट से गंतव्य तक रास्ते में जितने पुलिस थाना, ट्राफिक और तहसील से ट्रक गुजरता है उन्हें 10 हजार रुपये महीना दिया जाता है. अकेले नागपुर में करीब 1000 ट्रक चलते हैं, मतलब आरटीओ, पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारियों को करोड़ों की देन जाती है.

उन्होंने लिखा है कि जब नागपुर मनपा ने कई वस्तुओं पर आक्ट्राय कम किया था तो उन वस्तुओं पर राजस्व तीन से चार गुना बढ़ गया था. रेती व अन्य गौण खनिजों पर रायल्टी कम करने का प्रयोग पहले एक वर्ष तक किसी एक जिले में किया जाना चाहिए. अगर राजस्व बढ़ता है तो सरकार पूरे राज्य में इसे लागू कर सकती है. उन्होंने सीएम से इस पर विचार करने का निवेदन किया है.