Water supply from tankers in 28 villages and 20 wadas
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  • सुरक्षा निधि जब्त, सेवाएं भी कर दीं बंद

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नागपुर. सम्पूर्ण विदर्भ में भीषण गर्मी झेल रहे शहर के जल स्रोत सूख जाने के कारण संकटकाल के इस दौर में जहां एक ओर सभी को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी का नियोजन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर टैंकर मालिकों की ओर से भ्रष्टाचार कर अवैध रूप से निर्माण कार्य के लिए पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

बुधवार को उजागर हुए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थायी समिति सभापति पिंटू झलके ने तुरंत प्रभाव से टैंकर मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. सभापति के निर्देश मिलते ही प्रशासन की ओर से टैंकर मालिक की न केवल टेंडर लेते समय जमा की गई सुरक्षा निधि जब्त कर ली, बल्कि उनकी सेवाएं भी स्थायी रूप से बंद कर दीं.

नान-नेटवर्क के बहाने अवैध जलापूर्ति
उल्लेखनीय है कि नान-नेटवर्क में टैंकर से जलापूर्ति के बहाने शहर की सीमा पर स्थित बहादुरा के संजूबा हाईस्कूल के सामने चल रहे आवास के निर्माण कार्य के लिए टैंकर से जलापूर्ति होने की सूचना स्थायी समिति सभापति को मिली. यहां तक कि निर्माण कार्य के लिए पानी उपलब्ध कराने अतिरिक्त शुल्क भी लिए जाने की शिकायत की गई.

सूचना मिलते ही स्थायी समिति सभापति की ओर से वास्तविकता की जानकारी ली. फोटो सहित वास्तविकता उजागर होते ही सभापति ने तुरंत टैंकर मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जलप्रदाय विभाग को दिए. विभाग की ओर से तुरंत हरकत में आकर टैंकर क्रमांक एम.एच. 49- 855 और एम.एच. 49- 0852 के मालिक की सेवाएं खंडित करने तथा सुरक्षा निधि भी जब्त करने के आदेश जारी कर दिए.